By प्रिया मिश्रा | Jun 13, 2022
कैंसर एक बेहद घातक बीमारी है। आजकल की बदलती जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों के कारण बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। सिर्फ बड़े बुजुर्गों को ही नहीं, बच्चों को भी कैंसर होता है। इसे ल्यूकेमिया भी कहा जाता है। इसमें बोन मैरो और लिंफेटिक सिस्टम में असामान्य तरह से ब्लड सेल्स बनने लगते हैं। इससे शरीर में अच्छे ब्लड सेल्स प्रभावी रूप से काम नहीं कर पाते हैं। नतीजतन शरीर की संक्रमण बीमारी से लड़ने की शक्ति कमजोर हो जाती है। बच्चों में ब्लड कैंसर की समाज में कई लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों को पहचान कर, प्रारंभिक चरण में ब्लड कैंसर का इलाज करना संभव है।
बच्चों में ब्लड कैंसर के लक्षण
अगर किसी बच्चे के शरीर से अचानक खून आने की समस्या होने लगे तो यह ब्लड कैंसर का संकेत हो सकता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, ऐसी स्थिति में बच्चे के मसूड़े और नाक से खून आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं।
ब्लड कैंसर से पीड़ित बच्चों में व्हाइट ब्लड सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में सेल्स प्रभावी रूप से काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे बच्चे संक्रमण की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
अगर आपका बच्चा अक्सर जोड़ों में दर्द करने की शिकायत करता है तो इसे नजरंदाज ना करें। लगातार हड्डियों में दर्द होना ब्लड कैंसर का संकेत हो सकता है।
ब्लड कैंसर से पीड़ित बच्चों में असामान्य सूजन की समस्या होती है। ऐसे में बच्चे के पैर हाथ या फिर मुंह पर सूजन दिखने लगती है।
ब्लड कैंसर में ल्यूकेमिया के सेल्स छाती के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके कारण बच्चे को सांस लेने में तकलीफ और खांसी की समस्या हो सकती है।
कैंसर से बच्चा उसके लिए बच्चे की जीवनशैली और खान-पान का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही नियमित हेल्थ चेकअप से भी इसके जोखिम से बचा जा सकता है।
- प्रिया मिश्रा