Emotional Trigger । क्या आपका पार्टनर और आप झगड़ों में चीखने-चिल्लाने लगते हैं? जानें क्या है इसकी वजह

By एकता | Mar 24, 2023

रिलेशनशिप में लड़ाई-झगड़ें होते रहते हैं। लोग बड़ी से बड़ी लड़ाई शांति से निपटा लेते हैं, लेकिन कई बार छोटे-छोटे झगड़ों में अपना खो बैठते हैं। इतना ही नहीं इस दौरान कुछ लोग पार्टनर के सामने ऐसी प्रतिक्रिया दे बैठते हैं, जिसका पछतावा उन्हें बाद में होता है। क्या आपने भी कभी गुस्से में पार्टनर को कुछ ऐसा कहा है, जिसकी वजह से आपको बाद में पछताना पड़ा है? अगर हाँ, तो क्या आपके दिमाग में कभी ये सवाल आया है कि ऐसा क्यों होता है। क्यों आप गुस्से में खुद पर से नियंत्रण खो देते हैं और पार्टनर पर चीखने-चिल्लाने लगते हैं। गुस्से में नियंत्रण खो देने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन कई बार भावनात्मक रूप से ट्रिगर हो जाने पर भी लोगों के साथ ऐसा होता हैं। अब सवाल यह है कि भावनात्मक ट्रिगर होता क्या है और इसे कैसे डील किया जा सकता है।


भावनात्मक ट्रिगर क्या होता है?

हर किसी का अपना एक अतीत है, जो अच्छे और बुरे अनुभवों से भरा हुआ है। कई बार लोग अपने अतीत से तो आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन वह अपने बुरे अनुभवों को पीछे नहीं छोड़ पाते हैं। ये बुरे अनुभव लोगों को उनके वर्तमान में भी चोट पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। जब एक व्यक्ति अपने अतीत के बुरे अनुभवों से जुड़ी घटनाओं या स्थितियों का सामना वर्तमान में करता है तो वह भावनात्मक रूप से ट्रिगर हो सकता है और अपना आपा खो बैठते हैं। भावनात्मक रूप से ट्रिगर हो जाने पर लोग अपने सोचने-समझने की क्षमता खो देते हैं और गुस्से में आकर कुछ भी बोल देते है और फिर शांत होने पर अपनी ही बातों पर पछताने लगते हैं।

 

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भावनात्मक ट्रिगर के लक्षण

भावनात्मक ट्रिगर हर व्यक्ति को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। इसी तरह लोगों में इसके अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। कई लोग भावनात्मक रूप से ट्रिगर हो जाने पर रोने लगते हैं। कई ज्यादा खाना खाने लगते हैं। बहुत से लोग इस दौरान दूसरों पर चिल्ला-चिल्लाकर अपना गुस्सा निकालते हैं। इनके अलावा चक्कर आना, छाती में दर्द, तेज़ हृदय गति, जी मिचलाना, कंपन, गुस्सा, चिंता और उदासी भावनात्मक ट्रिगर के लक्षणों में शामिल है।

 

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भावनात्मक ट्रिगर को कैसे डील करें

ट्रिगर की पहचान करें- भावनात्मक ट्रिगर को कंट्रोल करने के लिए आपको ट्रिगर की वजह की पहचान करने की जरूरत है, जो थोड़ा कठिन हो सकता है। भावनाओं की बाढ़ में खुद पर नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है, इसलिए शांत हो जाने के बाद शारीरिक और मानसिक तौर पर खुद की जांच करें। ऐसा करने से आपको ट्रिगर करने वाली वजह का पता चलेगा और फिर आप इसपर काम करना शुरू कर सकते हैं।


भावनाओं पर काम करना शुरू करें- ट्रिगर के पीछे की वजह अगर आपको पता चल गयी है तो इनपर काम करना शुरू करें। इसकी शुरुआत आप खुद से सवाल पूछकर कर सकते हैं। खुद से सवाल करें कि क्यों वो चीजें, यादें या फिर बातें आपको परेशान कर रही हैं। एक-एक कर अपनी भावनाओं को सम्बोधित करें। ऐसा करने से आपको खुद को शांत करने में मदद मिलेगी।


खुद को शांत करना सीखें- जब आप उत्तेजित हो जाते हैं तब उस पल में खुद पर काबू करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन इस दौरान गलत प्रतिक्रिया देने से खुद को बचाने के लिए खुद को रोकना बेहद ही जरुरी है। इसलिए एक लंबी और गहरी सांस लें। ऐसा करने से भी आपको शांति नहीं मिल रही है तो जी भर कर रो लें। इसके अलावा अपनी फीलिंग को कहीं लिखें या बाहर जाकर थोड़ा टहल लें। ये सभी चीजें आपके दिमाग को शांत करने में मदद करेंगी।

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