By अनुराग गुप्ता | Sep 15, 2020
टोक्यो। जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने योशिहिदे सुगा को अपना नया नेता चुन लिया है और अब ये अगले कुछ दिनों में जापान के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। मौजूदा समय में योशिहिदे सुगा जापान की सरकार में मुख्य कैबिनेट सचिव हैं। योशिहिदे सुगा को प्रधानमंत्री पद छोड़ चुके शिंजो आबे का विश्वासपात्र भी बताया जाता है। माना जाता है कि 71 वर्षीय योशिहिदे सुगा शिंजो आबे की नीतियों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
सोमवार को जापान की सत्ताधारी पार्टी में नए नेता के चुनाव पर वोट हुआ। जिसमें पार्टी के सांसदों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने मतदान किया। इसमें उन्हें 534 के मुकाबले 377 वोट मिले। अब बुधवार को जापान की संसद में वोटिंग होगी जहां पर बहुमत में रहने की वजह से लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता योशिहिदे सुगा का जीतना तय माना जा रहा है।
कौन हैं योशिहिदे सुगा
जापान के अकिता में जन्में योशिहिदे सुगा एक किसान के बेटे हैं। उनके पिता स्ट्रॉबरी की खेती करते थे। सुगा ने अकिता में हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की और फिर वह उच्च शिक्षा के लिए टोक्यो चले गए। टोक्यो के होसेई यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्रेजुएशन करते हुए खर्चा चलाने के लिए उन्हें मछली बाजार में मछली बेचनी पड़ी थी और उन्होंने कार्डबोर्ड की फैक्ट्री में भी काम किया था। हालांकि, ग्रेजुएशन के तुरंत बाद वह संसदीय चुनाव अभियान के लिए काम करने लगे।
देखते ही देखते योशिहिदे सुगा को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सांसद के सेक्रेटरी के रूप में काम करने का मौका मिल गया। जिसके बाद योशिहिदे सुगा के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। योशिहिदे सुगा ने साल 1987 में योकोहामा सिटी काउंसिल के लिए चुने गए थे और फिर 1996 में वह पहली बार जापान की संसद पहुंचे। बता दें कि योशिहिदे सुगा जापान में सबसे लंबे समय तक मुख्य सचिव रहे हैं। साल 2012 में योशिहिदे सुगा को शिंजो आबे का साथ मिला।
शिंदो आबे के दाहिने हाथे माने जाने वाले योशिहिदे सुगा मृदुभाषी और व्यावहारिक नेता हैं। उनके बारे में यह धारणा है कि वह पर्दे के पीछे से डील तय करते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ योशिहिदे सुगा को सेल्फ मेड मैन बताते हैं। जब 28 अगस्त 2020 को शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों से प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा की तो उस वक्त योशिहिदे सुगा को ही शिंजो आबे का उत्तराधिकारी माना जा रहा था।