By अंकित सिंह | Feb 11, 2025
लोकसभा में बोलते हुए, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वह विपक्ष में अपने सहयोगियों की तरह केंद्रीय बजट के खिलाफ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह बजट एक लक्षित बजट है, यह बजट उन लोगों के लिए केंद्रित है जो बहुत अमीर हैं, बड़े लोग हैं, उद्योगपति हैं। यह बजट उनके लिए बनाया गया है। मुझे इसमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का कोई रोडमैप नजर नहीं आता और रोडमैप इसलिए नजर नहीं आता क्योंकि बजट आते ही हमने वो तस्वीरें देखीं।
सपा नेता ने सवाल करते हुए कहा कि क्या इस देश के लिए 10 बजट सिर्फ इसलिए बनाए गए थे कि जब 11वां बजट आएगा तो पूरा देश और पूरी दुनिया देखेगी कि भारत के लोगों को हथकड़ी लगाकर वापस भेज दिया गया। वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्रीय बजट के कई पहलुओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सरकार ने भारत की आने पीढ़ियों पर भी कर्ज का बोझ लाद दिया है। उन्होंने लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि दुनिया में कई आर्थिक विचार रहे जो परिवर्तनकारी साबित हुए, लेकिन इस सरकार का सबसे बड़ा विचार ‘नोटबंदी’ अपने एक भी उद्देश्य को पूरा नहीं कर सका।
तिवारी के अनुसार, आज भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का चलन 35.99 लाख करोड़ रुपये है, जबकि नोटबंदी के समय यह राशि 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक ही थी। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वर्ष 2024-25 में वित्तीय घाटे में मामूली कमी आई है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने बहुत ही चतुराई से वित्तीय घाटे के मापने के तरीके को बदल दिया। उन्होंने सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मौजूद नहीं होने पर सवाल उठाया और दावा किया कि यह सदन की परंपरा के अनुरूप नहीं है। इस पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि वित्त मंत्री राज्यसभा में हैं।