राहुल और ऋषभ की शतकीय पारी, इग्लैंड ने कुक को दी 4-1 से विदाई

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 12, 2018

लंदन। सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने शतक जमाकर भारत की उम्मीद जगायी लेकिन आखिर में इंग्लैंड ने मंगलवार को पांचवां और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच 118 रन से जीतकर पांच मैचों की श्रृंखला 4-1 से अपने नाम करने के साथ एलिस्टेयर कुक को शानदार विदाई दी। भारत 464 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी दूसरी पारी में 345 रन बनाकर आउट हुआ। सुबह तीन विकेट पर 58 रन से आगे खेलने वाले भारत का स्कोर चाय के विश्राम तक पांच विकेट पर 298 रन था लेकिन तीसरे सत्र में उसने 19–3 ओवर में बाकी बचे पांच विकेट गंवा दिये।

राहुल ने 224 गेंदों पर 149 रन बनाये उन्होंने अपनी पारी में 20 चौके और एक छक्का लगाया। पंत (146 गेंदों पर 114 रन) ने चाय के विश्राम से ठीक पहले अपने करियर का पहला शतक पूरा किया। उनकी पारी में 15 चौके और चार छक्के शामिल हैं। इन दोनों ने पांच विकेट पर 121 रन से आगे पारी बढ़ाते हुए छठे विकेट के लिये 204 रन की साझेदारी की। राहुल ने इससे पहले उप कप्तान अंजिक्य रहाणे (37) के साथ भी शतकीय साझेदारी (118) निभायी थी।

इंग्लैंड की तरफ से जेम्स एंडरसन 45 रन देकर तीन विकेट लिये। उन्होंने मोहम्मद शमी को बोल्ड करके अपना 564वां विकेट लिया और इस तरह से ग्लेन मैकग्रा को पीछे छोड़कर विश्व क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बने। सैम कुरेन और आदिल राशिद ने दो–दो विकेट लिये। सुबह 46 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाने वाले राहुल ने शुरू से ही सकारात्मक अंदाज में बल्लेबाजी की और बिना किसी दबाव के अपने शॉट खेले। पहला सत्र पूरी तरह से राहुल के नाम रहा तो दूसरे सत्र में भारतीय पारी पंत के इर्द गिर्द घूमती रही जिन्होंने शुरू में सतर्कता बरतने के बाद अपने नैसर्गिक अंदाज में बल्लेबाजी की। भारत के दोनों बल्लेबाजों ने स्पिनरों के सामने सहजता से रन बटोरकर भारत की अप्रत्याशित जीत की उम्मीद जगा दी थी।

चाय के विश्राम के बाद हालांकि तीन रन के अंदर इन दोनों के पवेलियन लौटने से भारतीय उम्मीदें भी खत्म हो गयी। जो रूट ने 80 ओवर के बाद भी नयी गेंद नहीं ली और अपने लेग स्पिनर राशिद पर भरोसा बनाये रखा जिन्होंने लेग स्टंप के काफी बाहर पिच करायी गयी एक खूबसूरत गेंद पर राहुल का आफ स्टंप हिलाया। पंत भी चायकाल के बाद उनके सामने जूझते हुए नजर आये और आखिर में राशिद की गुगली को हवा में लहराकर लांग आफ पर कैच देकर पवेलियन लौटे।

इससे पहले इन दोनों ने हालांकि मैच को रोमांचक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राहुल ने लंच से पहले ही 118 गेंदों पर अपना शतक पूरा कर दिया था। उनका यह पिछले दो वर्षों में पहला और कुल पांचवां शतक है। लगातार नौ पारियों में नाकाम रहने के बाद पहली बार उन्होंने 50 से अधिक रन बनाये। वह इंग्लैंड में चौथी पारी में शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय सलामी बल्लेबाज हैं। सुनील गावस्कर ने इसी मैदान (ओवल) पर 1979 में 221 रन बनाये थे। राहुल ने हालांकि शतक का खास जश्न नहीं मनाया तथा अपने हेलमेट को चूमने के अलावा ड्रेसिंग रूम में अपने साथी खिलाड़ियों का अभिवादन स्वीकार किया।

पंत ने अपने राशिद की गेंद पर गगनदायी छक्का जड़कर अपने सदाबहार अंदाज में सैकड़ा पूरा किया। उन्होंने इसके लिये 117 गेंदें खेली तथा 14 चौके और तीन छक्के लगाये। वह इंग्लैंड की सरजमीं पर शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर हैं। पंत और उनके साथियों ने भी इस उपलब्धि का खुलकर जश्न मनाया। जब राहुल और पंत खेल रहे थे तो इस बीच बादल भी छाये रहे। इन दोनों विशेषकर पंत पर इसका कोई असर नहीं पड़ा जिन्होंने लंबे शाट खेलने के अपने कौशल का खुलकर प्रदर्शन किया। बीच में रूट खुद गेंदबाजी के लिये आये लेकिन इससे कोई अंतर पैदा नहीं हुआ। पंत ने जब स्टोक्स के एक ओवर में तीन चौके लगाये तो गेंदबाज की हताशा साफ नजर आ रही थी।

राहुल और पंत ने भारत की तरफ से चौथी पारी में छठे विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड भी बनाया। इससे पहले का रिकार्ड सचिन तेंदुलकर और नयन मोंगिया के नाम पर था जिन्होंने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में 136 रन जोड़े थे। यही नहीं यह भारतीय क्रिकेट में केवल चौथा अवसर है जबकि दो बल्लेबाजों ने चौथी पारी में शतक लगाये। पंत छक्के से अपना पहला टेस्ट शतक पूरा करने वाले चौथे भारतीय भी बने।

इन दोनों के 17 गेंदों के अंदर आउट होने के बाद रविंद्र जडेजा और इशांत शर्मा ने जिम्मा संभाला। जडेजा को शुरू में ही जॉनी बेयरस्टॉ ने जीवनदान दिया। इंग्लैंड ने आखिर में 90 ओवर के बाद नयी गेंद ली लेकिन वह सैम कुरेन थे जिन्होंने इशांत शर्मा (पांच) और जडेजा (13) को पवेलियन भेजा। दोनों के कैच बेयरस्टॉ ने लिये। भारत ने पहले सत्र में दो विकेट गंवाये। 

रहाणे ने मोईन अली पर पैडल स्वीप करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया जबकि पहली पारी में अर्धशतक जड़ने वाले हनुमा विहारी खाता भी नहीं खोल पाये। स्टोक्स की गेंद उनके बल्ले को चूमकर विकेटकीपर बेयरस्टॉ के दस्तानों में समा गयी। कुक का यह आखिरी टेस्ट मैच था जिसमें उन्होंने शतक जमाया और आखिर में जीत के साथ विदा ली।

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