भेदभाव पैदा करने वाली हर चीज को खत्म किया जाना चाहिए, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 09, 2022

नागपुर (महाराष्ट्र)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से त्याग दिया जाना चाहिए। यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था की अब कोई प्रासंगिकता नहीं है।

इसे भी पढ़ें: RSS प्रमुख मोहन भागवत का तीन दिन का कानपुर दौरा, कई कार्यक्रमों में करेंगे शिरकत

डॉ मदन कुलकर्णी और डॉ रेणुका बोकारे द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘वज्रसूची तुंक’’ का हवाला देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सामाजिक समानता भारतीय परंपरा का एक हिस्सा थी, लेकिन इसे भुला दिया गया और इसके हानिकारक परिणाम हुए। इस दावे का उल्लेख करते हुए कि वर्ण और जाति व्यवस्था में मूल रूप से भेदभाव नहीं था और इसके उपयोग थे, भागवत ने कहा कि अगर आज किसी ने इन संस्थानों के बारे में पूछा, तो जवाब होना चाहिए कि ‘‘यह अतीत है, इसे भूल जाओ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी भेदभाव का कारण बनता है उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।

प्रमुख खबरें

Go Nightclub Tragedy: 25 मौतें, अवैध निर्माण और सुरक्षा लापरवाही उजागर

2017 एक्ट्रेस असॉल्ट केस में बरी होने पर दिलीप की पहली प्रतिक्रिया, बोले- “9 साल साथ देने वालों का धन्यवाद”

ब्रिटेन से पाक मूल अपराधियों की वापसी के बदले दो राजनीतिक आलोचकों की मांग का दावा

Trump ने कहा- शांति प्रस्ताव पर ज़ेलेंस्की अभी तैयार नहीं, रूस ने दिखाई सहमति