Jammu and Kashmir | श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुआ खौफनाक विस्फोट, फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के विस्फोटक ले गए 9 की जान

By रेनू तिवारी | Nov 15, 2025

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात हुए एक भीषण विस्फोट में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 25 से ज़्यादा घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब अधिकारी फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले में हाल ही में ज़ब्त किए गए विस्फोटकों के एक बड़े जखीरे से नमूने निकाल रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों और इलाके के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि विस्फोट इमारत में धमाका हुआ और हवा में आग की लपटें और घना धुआँ फैल गया।

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अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट शुक्रवार देर रात हुआ जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य लोग घायल हो गए। इनमें से अधिकतर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि विस्फोट स्थल से अब तक आठ शव बरामद किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि घायलों को श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है तथा मृतकों की पहचान के प्रयास जारी हैं।

अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिसकर्मी हरियाणा के फरीदाबाद से लाई गई विस्फोटक सामग्री से नमूने ले रहे थे। उन्होंने बताया कि यह सामग्री गिरफ्तार चिकित्सक मुजम्मिल गनई के किराए के आवास से बरामद 360 किलोग्राम विस्फोटक का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि मामले की जारी जांच के तहत इसके नमूने लिए जा रहे थे। शवों को श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष ले जाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 24 पुलिसकर्मियों और तीन आम नागरिकों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

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विस्फोट के बाद रात के सन्नाटे में एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के सायरन गूंजने लगे और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। लगातार हुए छोटे-छोटे विस्फोटों के कारण बम निरोधक दस्ते के लिए तत्काल बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो गया। बरामद विस्फोटकों में से कुछ को पुलिस की फोरेंसिक प्रयोगशाला में रखा गया है जबकि 360 किलोग्राम विस्फोटकों का बड़ा हिस्सा पुलिस थाने में रखा गया था। इस थाने में आतंकवादी मॉड्यूल के संबंध में प्राथमिक मामला दर्ज किया गया है। अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर दिखाई देने के बाद पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ।

श्रीनगर पुलिस ने इस घटना को गंभीर खतरा मानते हुए 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया था और एक समर्पित टीम का गठन किया था। सीसीटीवी फुटेज के सावधानीपूर्वक, फ्रेम-दर-फ्रेम विश्लेषण से जांचकर्ताओं को पहले तीन संदिग्धों की पहचान करने में मदद मिली। ये तीन संदिग्ध आरिफ निसार डार उर्फ ​​साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ ​​शाहिद हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इन तीनों के खिलाफ पथराव के मामले दर्ज थे और इन्हें पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया था।

उनसे पूछताछ के बाद शोपियां के एक पूर्व पराचिकित्सक से इमाम बने मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया। उसने ही पोस्टर मुहैया कराए थे और माना जाता है कि उसने चिकित्सा समुदाय तक अपनी आसान पहुंच का इस्तेमाल करके चिकित्सकों को कट्टरपंथी बनाया। इस सुराग के आधार पर श्रीनगर पुलिस अंततः फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय पहुंची, जहां से उसने डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया। यहीं से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित रसायनों का विशाल भंडार जब्त किया गया।

जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि पूरा मॉड्यूल चिकित्सकों की एक मुख्य तिकड़ी द्वारा चलाया जा रहा था - मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट में शामिल कार का चालक) और मुजफ्फर राठेर (फरार)। फरार डॉ. मुजफ्फर राठेर के भाई डॉ. अदील राठेर की भूमिका अब भी जांच के दायरे में है। गिरफ्तार किए जा चुके अदील राठेर के पास से एक एके-56 राइफल जब्त की गई है।

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