By दिव्यांशी भदौरिया | Dec 10, 2025
भारत में ऐसे कई अनोख, चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर काफी देखने मिल जाएंगे। देश में कई ऐसे फेमस मंदिर है, जो अलग मान्यताएं और अद्भुत कहानियों के लिए जानी जाती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, देवी काली का मंदिर हैं। मां काली के इस मंदिर में प्रसाद में फल, मेवे, मिठाई, लड्डू नहीं चढ़ाएं जाते, बल्कि लोग मोमोज या चाऊमीन मां को चढ़ाते हैं। फिर यही प्रसाद के रुप में सबको बांटा जाता है। आइए आपको बताते हैं कहां पर स्थित है ये मंदिर और क्यों बांटा जाता ये प्रसाद।
कहां है ये मंदिर
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित है मां काली का मंदिर। ये मंदिर तांग्रा क्षेत्र में बना हुआ है, इस जगह को लोग चाइना टाउन के नाम से भी जानते हैं। यहां आने वाला हर एक इंसान इस मंदिर का दर्शन जरुर करता है और प्रसाद भी लेता है। मान्यता है कि इस मंदिर में अनोखी शक्ति है, जो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है।
मंदिर से जुड़ी कहानी
इस मंदिर से जुड़ी एक कहानी है। कहते है कि सालों पहले इस क्षेत्र में एक बच्चा बीमार हो गया और डॉक्टर ने जवाब दे दिया था। जिसके बाद बच्चे के माता-पिता ने उम्मीद नहीं छोड़ी। इस स्थान पर पहले एक पेड़ के नीचे दो काले पत्थर रखकर मां काली की पूजा की होती थी। बच्चे के घरवालों ने उसको इसी स्थान पर लेटाया और कहा कि अगर ये ठीक हो गया तो मंदिर बनवा देंगे। उसी दौरान मां काली का चमत्कार हुआ और बच्चा उठ खड़ा हुआ। तब से मां काली की पूजा यहां पर की जाती है और उनका मंदिर बना है। इस मंदिर के बाहर चाइनीज में मां काली लिखा हुआ है।
चाऊमीन-मोमोज का प्रसाद मिलता है
कहा जाता है कि सिविल वॉर के दौरान चाइनीज तांग्रा क्षेत्र में रहने के लिए आए हुए थे। उस समय उन्होंने मां काली की पूजा की और जो उन्हें सबसे ज्यादा खाना पसंद है, वही मां को भेंट स्वरुप चढ़ाया है। उसी दिन से मां काली के इस मंदिर में मोमोज, फ्राइड राइस, चाऊमीन में प्रसाद में मिलता है। इस मंदिर में हिंदू और चाइनीज दोनों ही पूजा करने आते हैं और अगरबत्ती जलाते हैं। तो आप इस मंदिर के दर्शन करने और प्रसाद खाने के लिए जा सकते हैं।