By अंकित सिंह | Nov 16, 2021
सवाल यह है कि मुसलमानों को कब तक डराया जाएगा? क्या मुसलमानों को डरा कर ही वोट हासिल किया जाएगा? आखिर मुसलमानों में लगातार डर भरने की कोशिश क्यों की जाती रही है? देश के दिग्गज नेताओं में शुमार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने भी कुछ ऐसा बयान दिया है जिसके बाद ऐसा लगेगा कि देश में मुसलमान सुरक्षित नहीं है। फारुख अब्दुल्ला ने जोधपुर में कहा कि मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं तथा उनकी मस्जिदें नष्ट की जा रही है। हालांकि अपने बयान को मजबूती देने के लिए उन्होंने किसी विशेष घटना का जिक्र नहीं किया। इसके साथ ही कहा कि सरकार को कार्रवाई करनी होगी ताकि मुसलमानों के डर को दूर किया जा सके। फारुख अब्दुल्ला ने साफ तौर पर कहा कि भारत के साथ खड़े मुसलमानों की हत्या हो रही है।
अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की भी मांग करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच की समस्याएं खत्म करने का यही एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा कि जब हम देश में देखते हैं, तब नजर आता है कि मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं, उन्हें पीटा जा रहा है और मस्जिदें विस्फोट कर उड़ाई जा रही हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके शिकार हम होंगे, जो भारत के साथ खड़े हैं। हम मारे जाएंगे क्योंकि भारत के सिवा हमारे पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं है। हम समान हैं लेकिन जो स्थिति बन रही है वह डर पैदा करती है और उसे (सरकार को) इसका हल करना होगा।
अब्दुल्ला ने कहा कि भारत-पाक के बीच संबंधों में तनाव के चलते हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संबंध प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने केंद्र पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि वे चीन के साथ वार्ता कर सकते हैं, जबकि वह भारत के भू-भाग में है तथा प्रतिदिन और आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चीन के साथ वार्ता कर सकते हैं तो पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं। चीन हमारे क्षेत्र में है और प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है।’’ उन्होंने जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में कहा, ‘‘मीडिया वहां स्वतंत्र नहीं है। कोई भी स्वतंत्र रूप से लिख नहीं सकता और यदि आप ऐसा करेंगे तो जेल जाएंगे।’’ उन्होंने चीन और पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा , ‘‘हम उनके बीच फंस गये हैं। हम नहीं जानते कि क्या किसी दिन युद्ध होगा। सिर्फ हमें ही भुगतना होगा। हम मारे जाएंगे।