याचिकाएं दाखिल करना परियोजनाओं को बाधित करने का घटिया तरीका : Bombay High Court

By Prabhasakshi News Desk | Dec 04, 2024

मुंबई । बंबई उच्च न्यायालय ने पुनर्विकास परियोजनाओं के खिलाफ गैर जरूरी याचिकाएं दायर करने के चलन की निंदा की और कहा कि यह परियोजनाओं को रोकने का सबसे घटिया तरीका बन गया है। न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खता ने 67 वर्षीय एक व्यक्ति द्वारा दायर की गयी याचिका 12 नवंबर को खारिज कर दी। याचिकाकर्ता 83 साल पुराने एक बंगले में 1995 से बतौर किरायेदार रह रहा है। उच्च न्यायालय ने कहा कि उसे उम्मीद है कि यह गैर जरूरी एवं शरारतपूर्ण याचिकाएं दायर करने के विरूद्ध निवारक का काम करेगा।


किरायेदारी के अधिकार का दावा करते हुए याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मकान मालिक उसे ‘किसी भी तरह और कपटपूर्ण तरीके से’ बेदखल करने का प्रयास कर रहा है। अदालत ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह पुनर्विकास के काम को बाधित करने के मकसद से दायर की गयी है जबकि बाकी सारे किरायेदार बंगले को खाली कर चुके हैं।


अदालत के आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध करायी गयी। पीठ ने कहा कि मुंबई के कांदिवली क्षेत्र में यह ‘बबना बंगला’ 1940 में करीब 4400 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ यह संपत्ति मुंबई में महत्वपूर्ण स्थान पर है और उसमें काफी अधिक मौद्रिक संभावनाएं हैं। याचिकाकर्ता अच्छी तरह यह जानता है, इसलिए वह उक्त संपत्ति के पुनर्विकास में रोड़े अटकाने की कोशिश कर रहा है।

प्रमुख खबरें

प्रदूषण पर चर्चा क्यों नहीं? जयराम रमेश ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- शीतकालीन सत्र बना प्रदूषण सत्र

सीट बंटवारे को लेकर फंस गया महायुति में बड़ा पेंच, शिंदे ने 2017 वाले फॉर्मूले को लागू करने की कर दी डिमांड

शीतकालीन सत्र में पारित विधेयक भारत को बनाएंगे Viksit Bharat, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का दावा

T20 World Cup की तैयारियों में जुटे वरुण चक्रवर्ती, अच्छे प्रदर्शन की जताई उम्मीद