भारत की अध्यक्षता में जी-20 की पहली बैठक उदयपुर में हुई, सदस्य देशों के शेरपाओं का शाही अंदाज में स्वागत

By नीरज कुमार दुबे | Dec 05, 2022

भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद इसकी पहली बैठक झीलों के शहर उदयपुर में हो रही है। जी-20 देशों के शेरपाओं की इस बैठक में सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का उदयपुर पहुँचने पर पारम्परिक अंदाज में भव्य स्वागत किया गया। अपनी शानदार मेजबानी और आतिथ्य तथा रंगबिरंगी संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में मशहूर राजस्थान में अपनी आवभगत से सभी मेहमान भी बड़े खुश नजर आ रहे हैं। मेहमानों का स्वागत उदयपुर एयरपोर्ट से ही शुरू हो गया था जहां लोक कलाकारों ने पारम्परिक नृत्य और संगीत से सभी का मन मोहा। इसके अलावा जी-20 शेरपाओं की बैठक के लिए बनाये गये सभागार में भी राजस्थान की संस्कृति के विभिन्न रंग उकेरे गये हैं। राजस्थान के स्वादिष्ट व्यंजन जब मेहमानों को परोसे जा रहे हैं तो हर कोई वाह राजस्थान कह रहा है। जी-20 सदस्य देशों के शेरपाओं की बैठक के लिए पूरे उदयपुर को सजाया गया है। खासकर दीवारों पर की गयी चित्रकारी लोगों को खूब भा रही है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि जी-20 की बैठकों के दौरान हर राज्य को अपनी संस्कृति और उपलब्धियों को सामने लाना चाहिए ताकि दुनिया में सकारात्मक संदेश जा सके। उन्होंने राजस्थान को पहली बैठक के लिए शुभकामना भी दी थी।


बहरहाल, जहां तक इस बैठक के उद्घाटन समारोह की बात है तो आपको बता दें कि वह भी शानदार रहा। जी-20 के लिए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में विश्व चुनौतियों से निपटने के लिए उम्मीद, सौहार्द्र और मरहम लगाने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करने पर जोर दिया। उनका कहना था कि विकासशील देशों और ‘वैश्विक दक्षिण’ (लातिन अमेरिकी, एशियाई, अफ्रीकी और ओशिनियाई क्षेत्र) देशों की बातों पर ध्यान देना चाहिए जिनकी आवाज अकसर अनसुनी रह जाती है।


भारत में जी-20 की बैठकों की कड़ी में शेरपाओं के सम्मेलन में अमिताभ कांत ने आधार, यूपीआई और प्रत्यक्ष अंतरण जैसे भारत द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित किया जिसकी वजह से बड़ी आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद मिली है। अमिताभ कांत ने कहा कि बैठक में हिस्सा लेने वालों के बीच 13 कार्य समूह को लेकर पहले ही परिपत्र साझा किए जा चुके हैं। इस परिपत्र में समावेश और लचीलापन लिए विकास को बढ़ावा, स्थायी विकास लक्ष्य की प्रगति को तेज करना, स्वास्थ्य और शिक्षा, जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी सूचना एवं डिजिटल जन असंवरचना संबंधी चिंताओं को रेखांकित किया गया है। अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘हम सुनेंगे जो आप हमें बताएंगे और हम आपका नजरिया समझेंगे।” उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य उन्मुख और निर्णायक होगी।

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अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘हम यह करेंगे लेकिन यह आपके बिना सफल नहीं हो सकता। इसलिए हम आपका समर्थन चाहते हैं, सकारात्मक और आगे की सोच के साथ आप सभी का समर्थन चाहते हैं ताकि जी-20 आकर्षक, बहुत गतिशील, वैश्विक विकास एवं वैश्विक स्थायी एवं डिजिटल बदलाव के प्रति बहुत ही सकारात्मक समूह के तौर पर उभरे।’’ इसके अलावा, डिजिटल अर्थव्यवस्था में तकनीक के बदलाव पर केंद्रित चर्चा के प्रारंभिक सत्र को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘जिन चुनौतियों का सामना आज हम कर रहे हैं उनका समाधान केवल उम्मीदों, सौहार्द और मरहम लगाने विचार के साथ ही एकजुट होकर हो सकता है।'' उन्होंने कहा कि हमारी चिंता पहले उनके प्रति होनी चाहिए जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान विकासशील देशों की प्राथमिकताओं और जी-20 सदस्यों के अलावा ‘वैश्विक दक्षिण’ की आवाज को प्राथमिकता देना चाहता है।


गौरतलब है कि एक दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता भारत ने औपचारिक रूप से ग्रहण की। जी-20 विकसित और विकासशील देशों का अंतर सरकारी मंच है। अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ इस संगठन के सदस्य हैं। जी-20 सदस्यों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 80 प्रतिशत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो तिहाई योगदान है। आइये देखते हैं जी-20 की बैठक में भाग लेने आये विभिन्न देशों के शेरपा क्या प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं।


हम आपको यह भी बता दें कि भारत की मेजबानी में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को पूरी तरह सफल बनाने के लिए मोदी सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। इसके लिए सुझाव मांगने, रणनीतियों पर चर्चा करने और अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से करीब 40 दलों के अध्यक्षों को बैठक में आमंत्रित किया गया था। इस बैठक का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया गया जिसमें प्रधानमंत्री भी मौजूद रहे। हम आपको एक बार फिर बता दें कि भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। इस साल दिसंबर से देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है। अगले साल नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है। इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों में जी-20 की कई बैठकें आयोजित की जाएंगी।

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