सत्ता से बाहर हुईं तो केंद्र की राजनीति में लौटेंगी ममता, विजयन कुछ घंटों में रचने वाले हैं इतिहास

By नीरज कुमार दुबे | May 02, 2021

असम में भले माना जा रहा हो कि वहां भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है लेकिन यह सुनिश्चित नहीं है कि सर्बानंद सोनोवाल दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे। सर्बानंद की जगह अगर भाजपा ने कमान हिमंत बिस्व शर्मा को सौंपी तो सर्बानंद को वापस केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।


चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की जनता ने क्या जनादेश दिया है यह तो बस कुछ ही घंटों में सामने आ जायेगा लेकिन इस बार के चुनावों में ममता बनर्जी, ई. पलानीसामी, सर्बानंद सोनोवाल और पिनारायी विजयन का राजनीतिक भाग्य दाँव पर है। माना जा रहा है कि यदि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल की सत्ता से बाहर होती है तो ममता बनर्जी केंद्र की राजनीति पर ध्यान देंगी। उनका प्रयास रहेगा कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी महागठबंधन बना कर भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी की जाएं। वहीं ई. पलानीसामी अगर तमिलनाडु की सत्ता से बाहर होते हैं तो पार्टी प्रमुख का पद भी उनके लिए बचाना मुश्किल हो जायेगा। अन्नाद्रमुक की सियासत में बड़ा बदलाव आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है।


वहीं अगर असम की बात करें तो भले यह माना जा रहा हो कि वहां भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है लेकिन यह सुनिश्चित नहीं है कि सर्बानंद सोनोवाल दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे। सर्बानंद की जगह अगर भाजपा ने असम की कमान हिमंत बिस्व शर्मा को सौंपी तो सर्बानंद को वापस केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। दूसरी ओर केरल की राजनीति की बात करें तो पिनारायी विजयन सत्ता में वापसी कर ही रहे हैं और वह वाम राजनीति में नया इतिहास रचने वाले नेता बन जायेंगे। ज्योति बसु, बुद्धदेव भट्टाचार्य, माणिक सरकार के बाद वह चौथे ऐसे वामपंथी नेता होंगे जो सत्ता में लगातार वापसी करेंगे।

प्रमुख खबरें

Assam Government ने एससी, एसटी और अन्य समुदायों को दो बच्चे के नियम से छूट दी

Vladimir Putin के डिनर पर Shashi Tharoo हुए शामिल, खड़गे-राहुल गांधी को न्योता नहीं? कांग्रेस ने लगाया सरकार पर प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप

भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर: Ram Nath Kovind

Ukraine Crisis को लेकर लगातार तीसरे दिन बैठक करेंगे अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारी