By अनन्या मिश्रा | Feb 10, 2025
आज यानी की 10 फरवरी को कुमार विश्वास अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनकी गिनती जाने-माने कवियों में होती है। कुमार विश्वास को हिन्दी जगत में उनके दिलकश कविताओं के लिए जाना जाता है। वहीं कुमार विश्वास न सिर्फ अपनी कविताओं बल्कि राजनीति पर भी बेबाक टिप्पणियों की वजह से चर्चा में रहते हैं। उन्होंने भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में हिंदी साहित्य का नाम बढ़ाया है। वह साहित्य की दुनिया के एक ऐसे नगीने हैं, जिन्होंने न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में भी हिंदी का मान बढ़ाने का काम किया है। विदेशों में भी विश्वास के कवि सम्मेलन के प्रति श्रोताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलती है। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर कुमार विश्वास के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के पिलखुआ में 10 फरवरी 1970 को कुमार विश्वास का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरूआती पढ़ाई पिलखुआ के लाला गंगा सहाय स्कूल से पूरी की। फिर राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से 12वीं पास की। इनके पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बनें, लेकिन कुमार विश्वास का इंजीनियरिंग की पढ़ाई में मन नहीं लगता था। क्योंकि वह कुछ अलग करना चाहते थे। इसलिए कुमार विश्वास ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और हिंदी साहित्य में 'स्वर्ण पदक' के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त की। फिर एमए करने के बाद कुमार विश्वास ने 'कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना' विषय पर पीएचडी की। साल 2001 में उनके इस शोधकार्य को पुरस्कृत भी किया गया था।
ऐसे बनें कवि
बता दें कि कुमार विश्वास के कवि बनने की काफी दिलचस्प कहानी है। दरअसल उनके पिता को पसंद नहीं था कि कुमार कविता पाठ में जाएं। इस बारे में कुमार विश्वास ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह एक बार कवि सम्मेलन से रात को घर पहुंचे, तो उनके पिता गुस्सा हो गए। गुस्से में उनके पिता ने कहा कि इनके लिए हलवा बनाओ, क्योंकि ये सीमा से लड़कर आए हैं। पिता की यह बात कुमार विश्वास को चुभ गई और उन्होंने ठान लिया कि अब इसी दिशा में वह अपना नाम बनाएंगे।
वहीं शुरूआती दिनों में जब वह कवि सम्मेलनों से देर से वापस लौटते थे, तो पैसे बचाने के लिए वह ट्रक वालों से लिफ्ट लिया करते थे। उन्होंने बताया कि उस दौरान कोई भी यह सोच नहीं सकता था कि एक दिन ऐसा भी होगा, जब कुमार विश्वास की कविता को टीवी शो के लिए लाखों रुपए मिलेंगे।
चार महिलाओं का रहा अहम योगदान
कुमार विश्वास का कहना है कि उनकी जिंदगी में 4 महिलाओं का अहम योगदान रहा है। वह चार महिलाओं में पहली उनकी मां जिनसे उन्होंने गाने का सलीका सीखा। दूसरी महिला कुमार विश्वास की बड़ी बहन, तीसरी महिला उनकी प्रेमिका जिसने उनको कवि बनाया और चौथी महिला कुमार विश्वास की पत्नी, जिन्होंने उनको एंटरप्रिन्योर बना दिया। बता दें कि फेमस हिंदी गीतकार गोपालदास नीरज ने उन्हें 'निशा-नियाम' की संज्ञा दी थी। तो वहीं धर्मवीर भारती ने कुमार को अपनी पीढ़ी का सबसे ज्यादा संभावनाओं वाला कवि कहा था।
इसके अलावा कुमार विश्वास ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई। साल 2011 में कुमार विश्वास 'जनलोकपाल आंदोलन' के लिए गठित अन्ना टीम के सक्रिय सदस्य रहे। साल 2014 में उन्होंने अमेठी से राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा। लेकिन इसमें कुमार विश्वास बाजी नहीं मार पाए।