By अभिनय आकाश | Jun 02, 2025
भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अब करीबी सहयोगी भी यह उम्मीद नहीं करते कि इस्लामाबाद दुनिया भर में भीख का कटोरा लेकर घूमेगा। पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर अब आर्थिक निर्भरता का बोझ नहीं उठाना चाहते हैं। 31 मई को क्वेटा में पाक सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए शरीफ ने चीन को समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला दोस्त और सऊदी अरब को भरोसेमंद और विश्वसनीय सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि यह तुर्की, कतर और यूएई पर भी लागू होता है। शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि लेकिन मैं यहां स्पष्ट रूप से बता दूं कि वे अब हमसे उम्मीद करते हैं कि हम उनके साथ व्यापार, वाणिज्य, नवाचार, अनुसंधान और विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य, निवेश और लाभदायक उपक्रमों में पारस्परिक रूप से शामिल होंगे। वे अब हमसे यह उम्मीद नहीं करते कि हम उनके पास भीख का कटोरा लेकर जाएं।
शरीफ ने आगे कहा कि इस्लामाबाद को देश को पटरी पर लाने के लिए प्राकृतिक और मानव संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। मैं फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ आखिरी व्यक्ति हूं, जो इस (आर्थिक) बोझ को अपने कंधों पर ले जा सकता हूं। सर्वशक्तिमान ने हमें प्राकृतिक और मानव संसाधनों से नवाजा है। हमें उनका पूरा उपयोग करना चाहिए और उन्हें इन बहुत ही लाभदायक उपक्रमों के लिए लगाना चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई - ऑपरेशन सिंदूर के बाद आई है। नई दिल्ली की सैन्य कार्रवाई के बाद भारत के साथ तनाव के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नई सहायता प्रदान की। संघर्ष के दौरान तुर्की और अजरबैजान ने इस्लामाबाद का साथ दिया, यहां तक कि तुर्की ने पाकिस्तान को सैन्य उपकरण भी मुहैया कराए।