By अनन्या मिश्रा | May 23, 2025
भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपना परचम लहरा रही हैं। आज ही के दिन यानी की 23 मई को महारानी गायत्री देवी का जन्म हुआ था। वह शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं। गायत्री देवी ने शादी के बाद न सिर्फ अपने राज्य को संभाला बल्कि राजनीति में भी अहम योगदान दिया था। उस दौर में महारानी गायत्री देवी की टक्कर इंदिरा गांधी से हुआ करती हैं। माना जाता है कि वह किसी भी मामले में इंदिरा गांधी से कम नहीं थीं। वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि इंदिरा गांधी को गायत्री देवी से जलन थीं। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर गायत्री देवी के राजशाही जीवन और राजनीतिक करियर के बारे में...
जन्म और परिवार
लंदन में 23 मई 1919 को महारानी गायत्री देवी का जन्म हुआ था। वह जयपुर के राजघराने से ताल्लुक रखती थीं। इनके पिता का नाम राजकुमार जितेंद्र नारायण था, जोकि बंगाल में कूचबिहार के युवराज के छोटे भाई थे। कूंच बिहार के राजा की मृत्यु के बाद जितेंद्र नारायण वहां के राजा बन गए। महारानी गायत्री और उनके अन्य भाई-बहन छोटे ही थे, जब उनके पिता का निधन हो गया था। जिसके बाद माता इंदिरा राजे ने राजघराने और बच्चों को संभाला था।
लव लाइफ और शादी
गायत्री देवी प्यार और शादी के मामले में अपनी मां इंदिरा राजे जैसी ही थीं। सिर्फ 12 साल की उम्र में उनको जयपुर के राजा मानसिंह बहादुर से प्यार हो गया। जबकि मानसिंह की पहले से दो शादियां हो चुकी थीं। मानसिंह गायत्री देवी से 9 साल बड़े थे। जब गायत्री देवी 16 साल की हुईं, तो मानसिंह ने उनसे शादी के बारे में पूछा, वहीं गायत्री देवी ने हामी भर दी और समाज के खिलाफ जाकर मानसिंह से शादी कर ली।
राजनीतिक जीवन
मानसिंह बहादुर से शादी के बाद गायत्री सिंह जयपुर की महारानी बन गईं। उनको न तो बंगाली और न ही राजस्थानी भाषा सही से बोलनी आती थी। वह अंग्रेची और फ्रेंच में बात किया करती थीं। उस दौर में गायत्री सिंह को सबसे सुंदर महिला का खिताब मिला था। हालांकि राजनीति में गायत्री देवी को अपनी बेबाकी के लिए भी जाना जाता था। साल 1962 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और 1 लाख 92 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। उस दौरान इतनी बड़ी जीत की वजह से उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया था।
इंदिरा गांधी से विवाद
एक बार गायत्री देवी की संसद में जवाहर लाल नेहरू से बहस हो गई थी। हालांकि नेहरू और गायत्री देवी के बीच राजनीतिक विरोध था। लेकिन जब इंदिरा गांधी राजनीति में आईं, तो यह निजी बन गया। गायत्री देवी और इंदिरा गांधी दोनों एक-दूसरे को बचपन से जानती थीं। एक बार सदन में इंदिरा गांधी ने गायत्री देवी को कांच की गुड़िया कहकर पुकारा था। दोनों का एक किस्सा मशहूर है, जब महारानी गायत्री देवी को जेल में डालकर इंदिरा गांधी ने जयगढ़ के किले में फौज भेज दी थी।
मृत्यु
वहीं 29 जुलाई 2009 को 90 साल की उम्र में महारानी गायत्री देवी का निधन हो गया था।