The Geart Resignnation: देश की इन टॉप 3 आईटी कंपनियों से लोग बड़ी संख्या में छोड़ रहे हैं जॉब

By टीम प्रभासाक्षी | Jan 14, 2022

भारतीय आईटी क्षेत्र इन दिनों नई परेशानी से जूझ रहा है। दरअसल आईटी क्षेत्र में नौकरी छोड़ने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। TCS, Infosys और Wipro जैसी टॉप आईटी कंपनियों को इस समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है, क्योंकि यह कंपनियां अपने साथ कर्मचारियों को जोड़ें रख पाने में असफल सिद्ध हो रही हैं। हाल ही के दिनों में इन कंपनियों में नौकरी छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। यह कंपनियां फ्रेशर्स को भर्ती कर रही हैं, ताकि इससे कंपनियों की छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की भरपाई हो सके।


 तीनो टॉप भारतीय आईटी कंपनियों ने बीते बुधवार को दिसंबर तिमाही का रिजल्ट जारी किया। इसमें कंपनियों ने इस बात की जानकारी दी कि बड़े स्तर पर कर्मचारी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। नंबर एक पर काबिज भारतीय आईटी कंपनी टीसीएस में  दिसंबर तिमाही में नौकरी छोड़कर जाने वालों की दर 15.3% पर पहुंच गई। इससे पहले वाली तिमाही यानी कि जुलाई से सितंबर 2021 के दौरान नौकरी छोड़कर जाने वालों की यह दर 11.9% थी।


 इसी तरह दूसरे नंबर की भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस का हाल भी ज्यादा अच्छा नहीं है। यहां परेशानी और ज्यादा है, बात अगर इंफोसिस की करें तो इसमें दिसंबर वाली तिमाही में लोगों के नौकरी छोड़ने की दर 25% बढ़ गई। इससे पहले वाली यानी कि सितंबर से जून 2021 तक में यह 20% थी। साफ़ है दिसंबर वाली तिमाही में यह दर 5% बढ़ गई। एक साल में  इंफोसिस में यह दर 11% बढ़ी है। कंपनी इसकी भरपाई के लिए नए लोगों को हायर करने वाली है। कंपनी ने अपने रिजल्ट में 55 हज़ार फ्रेशर्स की भर्तियों की बात कही है।


इसी कड़ी में तीसरे नंबर पर है भारतीय आईटी कंपनी विप्रो, इसका भी हाल औरों से जुदा नहीं है। इस कंपनी में भी सितंबर वाली तिमाही में जॉब छोड़कर जाने वालों की संख्या 20.5% थी। जो दिसंबर 2021 की तिमाही में 22.7 पर पहुंच गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें विप्रो ने भी योजना बनाई है जिसके जरिए 30,000 नए लोगों की भर्ती की जाएगी।


 एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक चालू वित्त वर्ष में तीनों भारतीय आईटी कंपनियों ने 1.34 लाख लोगों की भर्ती की है। अगर इसकी तुलना साल भर पहले की भर्तियों से की जाए तो यह उन से करीब 4 गुना ज्यादा है। बीते दिसंबर वाली तिमाही में 34000 लोगों को टीसीएस में भर्ती किया था। वहीं अगर इससे पहले सितंबर वाली तिमाही की बात करें तो वहां पर इन भर्तियों की संख्या 43,000 थीं। इसी तरह से विप्रो के कर्मचारियों की संख्या अक्टूबर से दिसंबर वाली तिमाही में 10,000 बढ़ी है। बात अगर इंफोसिस की की जाए तो उसने इस दौरान 15,000 भर्तियां की हैं।

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