गिरधारी यादव: कांग्रेस से की थी राजनीति की शुरुआत, आज नीतीश की पार्टी से हैं सांसद

By अंकित सिंह | Apr 14, 2022

बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से 1 सीट है बांका। बांका वही सीट है जहां से दिग्विजय सिंह आते थे। बिहार की राजनीति में दिग्विजय सिंह के किस्से कई हैं। हम मध्य प्रदेश वाले दिग्विजय सिंह की बात नहीं कर रहे है और ना हीं बिहार वाले दिग्विजय सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं। जिक्र बांका का हुआ, इसलिए दिग्विजय सिंह का नाम आ गया। बांका से वर्तमान में सांसद है गिरधारी यादव की। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह तीसरी बार सांसद बने। इसके अतिरिक्त वह बिहार विधानसभा में चार बार विधायक भी रह चुके हैं। गिरधारी यादव का जन्म 14 अप्रैल 1961 को बिहार के बांका में हुआ था। वर्तमान में वह नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के सदस्य हैं।

 

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गिरधारी यादव ने भागलपुर विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की है। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए मध्यप्रदेश चले गए। मध्यप्रदेश में ही गिरधारी यादव का राजनीतिक करियर शुरू हुआ। उन्होंने राजीव गांधी सरकार के दौरान कांग्रेस के युवा सदस्य रहे। गिरधारी यादव को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह का भी बेहद करीबी बताया जाता है। हालांकि, गिरधारी यादव समाजवादी नेताओं की सूची में आते हैं। मध्य प्रदेश से वापस लौटने के बाद उन्होंने बिहार में जनता दल के लिए काम करना शुरू किया। 1995 में पहली बार वाह कटोरिया से चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे। 1996 में हुए 11वीं लोकसभा चुनाव में इन्हें पार्टी ने बांका से टिकट दे दिया और यह जीत हासिल करने में कामयाब रहे। जब जनता दल में टूट हुआ तो गिरधारी यादव लालू यादव के साथ चले गए। 

 

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2000 से 2004 तक वह बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। 2004 के चुनाव में उन्होंने एक बार फिर से बांका से जीत हासिल की थी। गिरधारी यादव के लिए सबसे बड़ा झटका तब था जब 2009 में उन्हें राजद की ओर से टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद गिरधारी यादव ने जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया। वह बेलहर से बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। 2014 में उन्हें जदयू का महासचिव बनाया गया। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी इन्होंने बेलहर से जीत हासिल की थी। 2019 के चुनाव में जदयू ने इन्हें बांका से टिकट दिया। बांका से गिरधारी यादव ने शानदार जीत हासिल की। वर्तमान में गिरधारी यादव जदयू के बड़े नेता हैं। इसके अलावा वह संसद के कई समितियों के सदस्य भी हैं।

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