सरकार किसी स्थिति में राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देना और बांधों पर स्वामित्व नहीं चाहती: शेखावत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 02, 2019

नयी दिल्ली। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को लोकसभा में सदस्यों से ‘बांध सुरक्षा (संशोधन) विधेयक 2019’ पारित करने की अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसी स्थिति में राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देना और बांधों पर स्वामित्व नहीं चाहती, हालांकि वह बांधों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रोटोकॉल बनाने की नीयत से यह विधेयक लाई है। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने कहा कि सरकार को इस विधेयक लाने से पहले राज्य सरकारों के साथ बातचीत करनी चाहिए थी।  सदन में विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए रखते हुए शेखावत ने कहा कि बांधों की सुरक्षा को गंभीरता से लेना होगा क्योंकि अगर रखरखाव की कमी के कारण कहीं बांध टूटता है तो यह राष्ट्रीय शर्म का विषय होता है।

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उन्होंने कहा कि राज्यों की ओर से बांधों की सुरक्षा को लेकर जिस स्तर पर कदम उठाए जाने चाहिए थे, वो नहीं हुआ। बांधों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रोटोकॉल की जरूरत है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया है। मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ‘राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति’ और ‘राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण’ का गठन करने का प्रस्ताव है। ये दोनों अपने अपने अधिकार क्षेत्र में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि विधेयक का एक और मकसद बांधों की सुरक्षा को लेकर आपात कार्ययोजना तैयार करना भी है। शेखावत ने विधेयक को पेश किए जाते समय कई विपक्षी सदस्यों की ओर से प्रकट की गई चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मकसद राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का नहीं है।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बांधों पर कोई स्वामित्व नहीं चाहती। बांधों पर राज्यों का अधिकार बना रहेगा। हम सिर्फ बांधों की सुरक्षा चाहते हैं और इसी पवित्र भावना से यह विधेयक लाया गया है।विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जल प्रबंधन हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है और मंत्री की नेक नीयती पर उन्हें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर राज्यों से बातचीत करनी चाहिए थी क्योंकि उन्हें डर है कि उनके अधिकार क्षेत्रों में दखल दिया जा सकता है। चौधरी ने कहा कि बांधों की सुरक्षा के बारे में मानसून से पहले और मानसून के बाद सर्वेक्षण कराया जाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार राज्यों के साथ बातचीत करके उनकी सहमति ले। 

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