Sidhi में ब्राह्मण Vs आदिवासी माहौल बना रहे लोगों पर सरकार की नजर, पीड़ित ने आरोपी शुक्ला की रिहाई की माँग की

By नीरज कुमार दुबे | Jul 08, 2023

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाब प्रकरण ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। आरोपी प्रवेश शुक्ला के परिजनों के समर्थन में जहां ब्राह्मण संगठन उतर आया है वहीं पीड़ित आदिवासी ने राज्य सरकार से आरोपी को रिहा करने का आग्रह किया है। पीड़ित दशमत रावत ने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि प्रवेश शुक्ला को अपनी गलती का एहसास हो गया है। मुख्यमंत्री आवास से सम्मानित होकर अपने गांव लौटे दशमत रावत ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार से मेरी मांग है कि अब प्रवेश शुक्ला को रिहा किया जाना चाहिए। अतीत में जो कुछ भी हुआ लेकिन उसे अपनी गलती का एहसास हो गया है।’’ आरोपी के अपमानजनक कृत्य के बावजूद यह मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर पीड़ित ने कहा, ‘‘हां, मैं सहमत हूं...वह हमारे गांव का पंडित है, हम सरकार से उसे रिहा करने की मांग करते हैं।’’ रावत ने यह भी कहा कि गांव में एक सड़क के निर्माण के अलावा वह सरकार से और कुछ नहीं मांगते हैं।


राजनीतिक घटनाक्रम


मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां पेशाब प्रकरण ने एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आरोपी एक स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक से जुड़ा था। वहीं, भाजपा उससे किसी भी तरह के संबंध से इंकार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर पीड़ित के पैर धोए और इस अपमानजनक घटना पर उससे माफी भी मांगी, लेकिन विपक्षी दल ने चौहान के इस कदम को महज नाटक करार दिया। राज्य सरकार ने पीड़ित को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी मंजूर की और उसके घर के निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की। इस बीच, सरकार इस मुद्दे पर जाति की राजनीति कर रहे लोगों पर नजर बनाये हुए है और माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।

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हम आपको याद दिला दें कि आदिवासी समुदाय से आने वाले पीड़ित दशमत रावत पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। घटना का एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया था। भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अलावा, शुक्ला के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है। शुक्ला वर्तमान में जेल में बंद है। सीधी में शुक्ला के घर का अवैध हिस्सा भी ध्वस्त कर दिया गया है।


ब्राह्मण संगठन की प्रतिक्रिया


दूसरी ओर, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज की मध्यप्रदेश इकाई ने सीधी जिले में आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति पर लघुशंका करने वाले आरोपी के परिवार की मदद करते हुए कहा कि उसका कृत्य अमानवीय और घोर निंदनीय है, लेकिन वह पूरी तरह से उसके (आरोपी) निर्दोष माता-पिता और रिश्तेदारों का समर्थन करता है और उनके साथ खड़ा है। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष पंडित पुष्पेंद्र मिश्र ने राज्य के समस्त जिला अध्यक्षों को भेजे पत्र में कहा, ‘‘आरोपी प्रवेश शुक्ला जैसे व्यक्ति की किसी जाति एवं समाज में स्वीकारोक्ति नहीं है। इसके द्वारा किया गया कृत्य घोर निंदनीय तथा अक्षम्य है। लेकिन क्या यह विधि सम्मत है कि करे कोई और भरे कोई।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘निश्चित ही यह दुखद घटना आरोपी के द्वारा की गई है। समाज इसकी घोर निंदा करता है। लेकिन आरोपी के परिवार की पूरी तरह मदद करने का आश्वासन भी देता है।’’ पंडित पुष्पेंद्र मिश्र ने कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मेरे द्वारा प्रदेश के समस्त जिला अध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि शुक्ल परिवार की पूरी तरह मदद की जाये। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष सीधी पंडित राकेश दुबे व पूरी कार्यकारिणी के साथ शुक्ला परिवार के घर बृहस्पतिवार को जाकर संगठन द्वारा 51,000 रुपये की राशि सहायता के लिये दिए हैं तथा समस्त ब्राह्मण बंधुओं से निवेदन किया गया कि ज्यादा से ज्यादा स्वजातीय बंधु पीड़ित परिवार की सहायता करें। पंडित पुष्पेंद्र मिश्र ने बताया कि उनका संगठन शुक्ला परिवार का घर तोड़े जाने के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर करेगा।

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