By अनुराग गुप्ता | Jun 16, 2022
नयी दिल्ली। दिल्ली, बिहार, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में सेना की नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ गुरुवार को युवाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी और पथराव किया। इसी बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नई भर्ती योजना का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को लेकर चिंतित युवाओं के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है।
कांग्रेस सांसद ने ट्वीट किया कि अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर चिंतित युवाओं के साथ मेरी सहानुभूति है। वास्तविकता यह है कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी पर हल्के मानव पदचिह्न के साथ एक युवा सशस्त्र बल की आवश्यकता है। संघ के सशस्त्र बल रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा मनीष तिवारी ने 'एनडीटीवी' को दिए इंटरव्यू में पार्टी लाइन से हटकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में आपको एक मोबाइल सेना, एक युवा सेना की आवश्यकता होती है। आपको प्रौद्योगिकी और हथियारों पर अधिक खर्च की आवश्यकता होती है। ऐसा तब तक नहीं होता है जब आपके पास जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में सेना है। यही आपका ज्यादा पैसा खर्च होता है।
विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्ष ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र पर अपना हमला तेज करते हुए इसे वापस लेने की मांग की। वहीं सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी करके कहा कि नया मॉडल न केवल सशस्त्र बलों के लिए नयी क्षमताएं लाएगा, बल्कि निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर के द्वार भी खोलेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनें और युवाओं को अग्निपथ पर चलाकर उनके धैर्य की अग्निपरीक्षा नहीं लें। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कदम को देश के भविष्य के लिए लापरवाह और संभावित रूप से घातक बताया।