By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 08, 2016
सरकार ने आज कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना बंद नहीं होगी और इसके लिए अधिक से अधिक पैसा दिया जाएगा। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि मनरेगा को बंद नहीं किया जाएगा और सरकार इसके लिए अधिक से अधिक राशि देगी जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खास निर्देश है। उन्होंने कहा कि योजना में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए पैसा सीधे मजदूरों के खातों में भेजा जा रहा है।
सरकार ने ‘लूट की छूट’ पर शिकंजा कस दिया है और भ्रष्टाचार बंद होने से राशि बच रही है। एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सच है कि विगत वर्षों में मजदूरों को राशि देर से दी गई और राशि अनुमानित बजट से कम दी गई। उन्होंने कहा कि अब सरकार अधिक बजट दे रही है और मजदूरों को 15 दिन में राशि मिल जाती है। इस मद में राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इस वित्त वर्ष में 38 हजार 500 करोड़ रूपये का बजट मनरेगा के लिए आवंटित किया गया है। इसमें पांच हजार करोड़ रूपये और जोड़े गए हैं। मंत्री ने कहा कि 2015-16 में करीब 4.82 करोड़ लोगों को योजना के तहत रोजगार दिया गया। उन्होंने कहा कि 2015-16 में परिसंपत्ति निर्माण, खासकर सिंचाई और कृषि संबंधी कार्यों पर योजना की 61 प्रतिशत राशि खर्च की गई।
इससे पहले ग्रामीण विकास राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि गरीबों, मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्रतिबद्धता है। मनरेगा के तहत रोजगार मांग पर निर्भर करता है और योजना के तहत कई पहल की गई हैं।