किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार नए नए सुधार ला रही है: अधिकारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 02, 2018

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए समेकित दृष्टिकोण के साथ प्रयास कर रही है और इसके लिए ‘अनेकानेक प्रकार के सुधार’ शुरू किए गए हैं। उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए किये गये पहले के प्रयासों के अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं होने के कारणों का विश्लेषण करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। ‘इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स’ के 78 वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि पहली बार मौजूदा सरकार ने किसानों के प्रति दृष्टिकोण में बुनियादी बदलाव किए हैं। उसने उत्पादन बढ़ाने की जगह अब किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर ध्यान दिया है।’’

 

पिछले चार वर्षों में मूल्य और उपज जोखिमों को संबोधित करने के लिए उठाए गए कुछ पहलकदमियों में- इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की स्थापना, ग्रामीण हाटों का उन्नयन, नई योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा), प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह किसानों के प्रति रुख में महत्वपूर्ण बदलाव है - कि केवल उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के बजाय किसान और किसान कल्याण पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है।

 

मिश्रा ने कहा, "इस उद्देश्य के लिए, कृषि क्षेत्र के लिए एक समग्र रणनीति के बारे में सोचा गया था। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के समग्र उद्देश्य के साथ कई सुधारों और कार्यक्रमों की शुरूआत करते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण से इसका पालन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।" फरवरी 2016 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत की आजादी के 75 वर्षों के मौके पर यानी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि, यह विश्लेषण करने की जरुरत है कि पिछली कोशिशों के वांछित परिणाम क्यों नहीं मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने कृषि अनुसंधान की आवश्यकता पर भी बल दिया।

 

पीएमओ के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स (आईएसएई) को ऐसे विषयों पर अपने शोध को केन्द्रित करना चाहिए जैसे कि किसानों के लिए संकट क्यों बढ़ते हैं जहां कृषि की विकास दर बेहतर है तथा कृषि का आधुनिकीकरण कैसे किया जाये। आईएसएई की स्थापना वर्ष 1939 में हुई थी। इसकी भूमिका कृषि अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम कर रहे पेशेवरों और शोधकर्ताओं के प्रयासों को जोड़ने और उनको दिशा देने की है।

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