भारत की सरकारी तेल कंपनियों को रूस में परियोजनाओं की तलाश: धर्मेन्द्र प्रधान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 13, 2018

नयी दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गुरूवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को रूस में ज्ञात तेल एवं गैस क्षेत्रों की तलाश है जहां वे इसकी निकासी कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत संसाधन से समृद्ध देश के साथ ऊर्जा क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत बनाना चाहता है और यह पहल उसी दिशा में है। उन्होंने ‘भारत-रूस 21वीं सदी’ पर आयोजित सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियां रूस की तेल एवं गैस परियोजना सखालिन-1 में पहले ही 15 अरब डालर निवेश कर चुकी हैं।

 

प्रधान ने कहा, ‘‘हमारी तेल एवं गैस कंपनियां रूस में और तेल एवं गैस परियोजनाओं में भागीदारी की संभावना तलाशना जारी रखेगी। हम गुणवत्तापूर्ण उत्पादक ब्लाक के अधिग्रण के लिये रूस की तेल एवं गैस कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं।’’ ओएनजीसी विदेश लि. ने रूस के सुदूर पूर्व में स्थित 2001 में सखालिन-1 परियोजना में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। बाद में कंपनी ने इंपिरियल एनर्जी खरीद और हाल ही में वैंकोरनेफ्ट तथा तास यूराह में इंडियन आयल कारपोरेशन, आयल इंडिया तथा भारत पेट्रो रिसोर्सेज लि. (बीपीआरएल) के साथ निवेश किया है। इसके बदले रूसी कंपनी रोसनेफ्ट ने 12.9 अरब डालर में एस्सार आयल में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी।

 

उन्होंने कहा,‘‘आज तेल एवं गैस क्षेत्र के लिये रूस हमारे लिये निवेश का सबसे बड़ा गंतव्य है। मुझे भरोसा है कि हर समय खरा उतरा संबंध सदा के लिये है। भारत की विदेश और ऊर्जा नीति में रूस हमेशा प्राथमिकता में रहेगा और वैश्विक समुदाय के लिये दोनों हमारे देश ‘रोल मॉडल’ बने रहेंगे।’’ प्रधान ने कहा कि भारत और रूस ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को मजबूत किया है और दोनों देशों के बीच ‘एनर्जी ब्रिज’ तैयार किया है। मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि तेल एवं गैस क्षेत्र के विभिन्न खंडों में सहयोग को लेकर काफी अवसर है।’’

 

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