By अंकित सिंह | Sep 04, 2025
सरकार द्वारा जीएसटी 2.0 में किए गए व्यापक बदलाव से न केवल छोटी कार खरीदने वालों को, बल्कि बड़ी गाड़ियाँ खरीदने वालों को भी राहत मिली है। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार, अतिरिक्त उपकर हटाने के कारण प्रीमियम कारों पर कर का बोझ कम हुआ है। पहले, बड़ी पेट्रोल और डीजल कारों के खरीदार लगभग 50% प्रभावी कर देते थे, जिसमें 28% जीएसटी और 22% का भारी-भरकम क्षतिपूर्ति उपकर शामिल था। नई व्यवस्था के तहत, इसे तर्कसंगत बनाकर 40% जीएसटी कर दिया गया है। नई जीएसटी दरें 22 सितंबर, 2025 को नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी होंगी।
1200 सीसी तक की इंजन क्षमता और 4000 मिमी तक की लंबाई वाली पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी कारों पर अब 18% जीएसटी लगेगा, जो पहले 28% था। 1500 सीसी तक की इंजन क्षमता और 4000 मिमी तक की लंबाई वाली डीजल कारों पर भी 18% जीएसटी लगेगा। इसका मतलब है कि मारुति स्विफ्ट, हुंडई आई20, टाटा अल्ट्रोज़ और होंडा अमेज़ जैसी लोकप्रिय हैचबैक और कॉम्पैक्ट सेडान अधिक सस्ती हो सकती हैं।
1200 सीसी (पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी) या 1500 सीसी (डीज़ल) से ज़्यादा इंजन क्षमता वाली या 4000 मिमी से ज़्यादा लंबाई वाली कारों पर अब 40% का भारी-भरकम जीएसटी लगेगा, जो पहले 28% था। इसमें बड़ी सेडान, प्रीमियम एसयूवी और आयातित मॉडल शामिल हैं। टोयोटा फॉर्च्यूनर, महिंद्रा XUV700 (उच्च संस्करण) या आयातित लग्ज़री सेडान जैसी गाड़ियाँ खरीदने वाले ग्राहकों को ज़्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
350 सीसी इंजन क्षमता तक की मोटरसाइकिलों (मोपेड और सहायक मोटर वाले स्कूटर सहित) पर अब 28% से घटकर 18% जीएसटी लगेगा। इसमें ज़्यादातर आम बाज़ार की मोटरसाइकिलें और स्कूटर शामिल हैं, जिससे ये रोज़मर्रा के इस्तेमाल करने वालों के लिए सस्ते हो जाएँगे। रॉयल एनफील्ड 650cc, हार्ले-डेविडसन या प्रीमियम KTM मॉडल सहित 350cc से ऊपर की मोटरसाइकिलों पर अब 40% GST लगेगा। इसलिए, प्रीमियम बाइक के शौकीनों को ज़्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
ट्रैक्टर (अत्यधिक इंजन क्षमता वाले सड़क ट्रैक्टरों को छोड़कर), टायर, ब्रेक, रेडिएटर और क्लच जैसे ट्रैक्टर के पुर्जों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा। यह किसानों और ग्रामीण खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत है। तिपहिया वाहनों (ऑटोमोबाइल) पर भी जीएसटी घटाकर 18% कर दिया गया है। माल परिवहन वाहन (ट्रक, लॉरियों के लिए चेसिस, आदि) अब 28% के बजाय 18% जीएसटी के अंतर्गत आते हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स और बेड़े संचालकों की लागत कम हो जाती है।
छोटे हाइब्रिड (1200 सीसी पेट्रोल, 1500 सीसी डीजल, 4000 मिमी से कम) पर 18% जीएसटी लगेगा, बड़े हाइब्रिड (बड़ा इंजन या 4000 मिमी से अधिक) पर 40% जीएसटी लगेगा। पहले बड़ी कारों और एसयूवी पर जीएसटी के अलावा अतिरिक्त क्षतिपूर्ति उपकर लगता था, लेकिन अब परिषद ने इस ढांचे को सरल बनाने का फैसला किया है। अब, 40% जीएसटी दर अपने आप में व्यापक है और कोई अलग से उपकर नहीं जोड़ा जाएगा।