By अनन्या मिश्रा | Nov 21, 2025
उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल आज यानी की 21 नवंबर को अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह करीब तीन दशक तक गुजरात की सियासय में सक्रिय रही हैं। आनंदी बेन पटेल भले ही लंबे समय से गुजरात की राजनीति से बाहर हैं, लेकिन आज भी राज्य की राजनीति में उनका जिक्र किया जाता है। आनंदीबेन पटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वासपात्र माना जाता है। आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली महिला सीएम भी बनीं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
गुजरात के विजापुर तालुका के खरोद गांव में 21 नवंबर 1041 को आनंदीबेन पटेल का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम आनंदी बेन जेठाभाई पटेल है। आनंदीबेन पटेल बचपन से ही खेल-कूद में सक्रिय थीं। उनकी शादी मफतभाई पटेल से हुई, जोकि उस दौरान गुजरात के कद्दावर नेताओं में से एक थे। एक दुर्घटना के बाद आनंदीबेन पटेल का सियासत की दुनिया में प्रवेश हुआ।
साल 1987 में आनंदीबेन पटेल ने राजनीति में कदम रखा था। लेकिन उनका राजनीति में आने का किस्सा काफी दिलचस्प है। उन्होंने 1987 में राजनीति में कदम रखा था। वह अपने परिवार को आर्थिक समर्थन देने के लिए स्कूल में शिक्षक के रूप में नौकरी करने लगीं। साल 1987 में स्कूल से पिकनिक जाने के दौरान एक दुर्घटना हो गई। इस दौरान आनंदीबेन पटेल अपनी जान की परवाह किए बिना डूब रही लड़कियों को बचाने के लिए जलाशय में कूद गईं। जिसके लिए उनको राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार दिया गया।
उनकी इस बहादुरी से प्रभावित होकर भाजपा के शीर्ष कैडर ने उनको पार्टी में शामिल होने का सुझाव दिया। हालांकि वह पहले तो पार्टी ज्वॉइन करने से हिचकिचा रही थीं। लेकिन फिर केशुभाई पटेल और नरेंद्र मोदी के समझाने पर साल 1987 में आनंदीबेन पटेल गुजरात प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष के रूप में शामिल हो गईं।
आनंदीबेन पटेल दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। वह उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं। वह 22 मई 2014 से लेकर 07 अगस्त 2016 तक गुजरात की मुख्यमंत्री रही थीं। आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली और अब तक एकमात्र महिला मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था। आनंदीबेन पटेल गुजरात की राजनीति में 'लौह महिला' के रूप में अपनी पहचान रखती हैं।
साल 2002 से लेकर 2007 तक आनंदीबेन पटेल शिक्षा के लिए कैबिनेट मंत्री भी रहीं। फिर साल 2007 और 2014 तक वह गुजरात सरकार में राजस्व, शहरी विकास, सड़क और भवन, आपदा प्रबंधन और पूंजी परियोजनाओं की कैबिनेट मंत्री थीं।