Study Abroad Tips: 'स्मार्ट' स्टडी Abroad प्लान, जनवरी इनटेक के छिपे फायदे, जिन्हें जानकर आप भी चौंक जाएंगे

By अनन्या मिश्रा | Dec 25, 2025

विदेश में पढ़ाई करने के लिए जब सही इनटेक चुनने की बात आती है, तो अधिकतर छात्रों का फोकस सितंबर इनटेक या फॉल इनटेक पर होता है। इसको लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की ओर से खूब प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। लेकिन सितंबर इनटेक में काफी ज्यादा कॉम्पिटीशन है। हालांकि कुछ लोग एडमिशन के लिए इसको ही प्रमुख इनटेक मानकर चलते हैं। लेकिन बहुत सारे छात्रों को यह नहीं मालूम है कि पारंपरिक फॉल इनटेक की तुलना ज्यादा बढ़िया और अधिक स्मार्ट ऑप्शन है।


बता दें कि हम यहां पर जिस इनटेक की बात कर रहे हैं, वह जनवरी इनटेक है। हालांकि यह एक बेहद कम पॉपुलर इनटेक है, जो अपने प्रतिस्पर्धात्मक लाभ और फ्लेक्सिबिलिटी के लिए जाना जाता है। वहीं आसान शुरूआत पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए जनवरी इनटेक बिल्कुल परफेक्ट है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको जनवरी इनटेक या विंटर इनटेक के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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जानिए जनवरी इनटेक के फायदे

बता दें कि जनवरी इनटेक में एडमिशन के लिए कॉम्पिटिशन काफी कम होता है। इस समय कम छात्र एडमिशन के लिए अप्लाई करते हैं। हर आवेदन को देखने का एडमिशन कमिटी के पास अधिक समय होता है। वहीं कम कॉम्पिटिशन होने के कारण एक्सप्टेंस रेट बढ़ जाता है। ऐसे में छात्र के पास टॉप विश्वविद्यालय में एडमिशन पाने का चांस होता है।


बहुत सारे छात्रों को लगता है कि जनवरी में कम कोर्सेज ऑफर किए जाते हैं। लेकिन कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, आयरलैंड और अन्य कई यूरोपीय देशों में इस इनटेक में छात्रों को कई सारे कोर्सेज में एडमिशन का चांस मिलेगा। इंजीनियरिंग, आईटी, बिजनेस, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थ साइंसेज से जुड़े कोर्स बड़े पैमाने पर मौजूद होते हैं। इसमें काफी सीटें भी होती हैं।


जो भी छात्र सितंबर में एडमिशन के लिए तैयार नहीं होते हैं, उनके लिए जनवरी इनटेक परफेक्ट है। अगर किसी छात्र ने IELTS/PTE टेस्ट नहीं दिया है, पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठा नहीं होते हैं, या फिर उनको पसंद की कोर्स में एडमिशन नहीं मिल रहा है। ऐसे में वह छात्र जनवरी इनटेक में एडमिशन ले सकते हैं। क्योंकि इन छात्रों को फॉल इनटेक के बाद भी 3-4 महीने का समय मिल जाता है।


इसके अलावा बहुत सी यूनिवर्सिटीज में जनवरी इनटेक में मिड-ईयर स्कॉलरशिप दी जाती है। वहीं कॉम्पिटीशन कम होने के कारण स्टूडेंट्स के पास स्कॉलरशिप पाने के अधिक संभावना होती है। जिसका मतलब है कि उनकी पढ़ाई की खर्चा भी काफी कम हो जाता है।


आमतौर पर जनवरी इनटेक में पढ़ाई करने वाले छात्रों की पढ़ाई उस समय खत्म होती है, जब कंपनियों में हायरिंग की शुरूआत होती है। इसके कारण से उनको ऑन कैंपस जॉब से लेकर इंटर्नशिप तक पाने में काफी सहायता मिलती है। वहीं परमानेंट जॉब पाने की संभावना भी अच्छी-खासी होती है।


हालांकि सितंबर इनटेक में वीजा लेने से लेकर विश्वविद्यालय जाने तक में काफी समस्याएं होती हैं। जनवरी इनटेक में छात्रों की भीड़ काफी कम होती है, जिस कारण छात्र आसानी से विश्वविद्यालय तक पहुंच पाते हैं। वहीं स्टूडेंट्स को वीजा के लिए भी लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है।


तमाम फायदों के बाद अभी भी जनवरी इनटेक को कमतर माना जाता है। स्टूडेंट्स या तो बिना किसी तैयारी के सितंबर इनटेक के लिए दौड़ पड़ते हैं। या फिर उनको पूरा अकेडमिक ईयर इंतजार करना पड़ता है। जनवरी इनटेक के फायदों को समझने से स्टूडेंट्स का समय बच सकता है। इससे तनाव कम होता है और बेहतर संभावनाओं के दरवाजे खुल सकते हैं।

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