By अंकित सिंह | Jun 22, 2024
शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एनईईटी और यूजीसी-नेट विवाद के बीच परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति की घोषणा की। यह कदम एनईईटी-यूजी और यूजीसी नेट समेत विभिन्न शीर्ष परीक्षाओं के पेपर लीक पर विवाद के बाद आया है, जिसे इसके आयोजन के एक दिन बाद रद्द कर दिया गया था, जो एक सप्ताह से अधिक समय से जारी है। इसी को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया लिखी है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह सभी कदाचारों को समाप्त करने और "एनटीए में सुधार" की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने लिखा कि पारदर्शी, छेड़छाड़-मुक्त और शून्य-त्रुटि परीक्षा एक प्रतिबद्धता है। विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार करने, सभी संभावित कदाचारों को समाप्त करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और एनटीए में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदमों की श्रृंखला में पहला है। उन्होंने कहा कि छात्र हित और उनका उज्ज्वल भविष्य सदैव हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।
पैनल के अन्य सदस्यों में डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली, प्रोफेसर बी जे राव, कुलपति, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रोफेसर राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास, पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत, प्रो. आदित्य मित्तल, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली, गोविंद जयसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। केंद्र ने परीक्षा सुधारों पर उच्च स्तरीय समिति को अधिसूचित करते हुए दो महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।