By अंकित सिंह | Nov 28, 2022
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। राजनीतिक पंडितों का यह भी दावा रहता है कि वह एक के समुदाय को निशाना बनाते रहते हैं। लेकिन आज उनके बयानों को लेकर उनसे कई सवाल पूछे गए। इन तमाम सवालों का हिमंत बिस्वा सरमा ने साफगोई से जवाब दिया है। दरअसल, हिमंत बिस्वा सरमा न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात कर रहे थे। इस दौरान उनसे लव जिहाद और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी सवाल पूछा गया। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लव जिहाद और UCC की बात करना यह ध्रुवीकरण नहीं होता है बल्कि यह वूमेन इंपावरमेंट होता है।
हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ तौर पर कहा कि तलाक एक समुदाय में हो रहे थे, एक मर्द 3 शादी कर सकता है... यह भी एक समुदाय में हो रहा था, उस समुदाय की महिला का शोषण हो रहा है, तो इसके ख़िलाफ आवाज़ उठाना है और इसे ध्रवीकरण नहीं कहते हैं बल्कि यह वूमेन इंपावरमेंट है। इससे पहले मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में इसके नियम बनना तय हैं। उन्होंने कहा कि एक हिंदू का यह वैध अधिकार है कि वह अपनी मातृभूमि का नागरिक बने और भाजपा पूरी तरह सीएए के पक्ष में है। सीएए के नियम अभी तक क्यों नहीं बनाए गए?
इसके साथ ही हिमंत ने राहुल को दिए अपने बयान पर कहा कि मैंने किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है, मैंने कहा कि देखते देखते आपका(राहुल गांधी) चेहरा और सद्दाम हुसैन का चेहरा...अगर आप दोनों को एक साथ बैठा दें तो एक जैसा लगेगा जबकि अगर आप अपनी दाढ़ी काट ले तो आप नेहरू जैसे दिखाई देंगे। आपको बता दें कि अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान सरमा ने कहा था कि मैंने अभी देखा कि उनका (राहुल का) हुलिया भी बदल गया है। मैंने कुछ दिन पहले एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा था कि उनके नये हुलिये में कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन यदि आपको हुलिया बदलना है तो कम से कम इसे सरदार वल्लभभाई पटेल या जवाहरलाल नेहरू जैसा कर लीजिए। गांधीजी जैसा नजर आते तो बेहतर होता।