संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में ऐतिहासिक मुआवजा निधि को मंजूरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 20, 2022

मिस्र के शर्म अल शेख में अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन में शामिल वार्ताकारों ने रविवार तड़के उस ऐतिहासिक सौदे को मंजूरी दे दी, जिसके तहत विकसित देशों के कार्बन प्रदूषण के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों से प्रभावित हुए अल्प विकसित देशों को मुआवजा देने के लिए एक निधि तैयार की जाएगी, लेकिन उत्सर्जन में कमी के प्रयासों को लेकर मतभेद के कारण एक समग्र वृहद समझौता अब भी अटका हुआ है।

निधि को मंजूरी देने के फैसले के बाद वार्ता को 30 मिनट तक रोका गया, ताकि विभिन्न देशों के प्रतिनिधि उन अन्य कदमों का पाठ पढ़ सकें, जिन पर उन्हें मतदान करना है। कोष स्थापित करना उन अल्प विकसित देशों के लिए एक बड़ी जीत है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए लंबे समय से नकदी की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाओं का सामना कर रहे गरीब देश अमीर देशों से जलवायु अनुकूलन के लिए धन देने की मांग कर रहे हैं।

गरीब देशों का मानना है कि अमीर देश जो कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं, उसके चलते मौसम संबंधी हालात बदतर हुए हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। दुनिया के गरीब देशों के लिए अकसर आवाज उठाने वाली पाकिस्तान की जलवायु मंत्री शेरी रहमान ने कहा, ‘‘इस तरह हमारी 30 साल की यात्रा आखिरकार आज सफल हुई है।’’ उनके देश का एक तिहाई हिस्सा इस गर्मी में विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुआ था। मालदीव के पर्यावरण मंत्री अमिनाथ शौना ने शनिवार को ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हमारे जैसे देशों के लिए हमारे पास ऐसे समाधान होंगे जिनकी हम वकालत करते रहे हैं।’’

पर्यावरणीय थिंक टैंक ‘वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट’ के अध्यक्ष एनी दासगुप्ता ने कहा, ‘‘यह क्षतिपूर्ति निधि उन गरीब परिवारों के लिए एक जीवनरेखा होगी, जिनके मकान नष्ट हो गए हैं, जिन किसानों के खेत बर्बाद हो गए हैं और जिन द्वीपों के लोगों को अपने पुश्तैनी मकान छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा है।’’ दासगुप्ता ने कहा, ‘‘सीओपी27 का यह सकारात्मक परिणाम कमजोर देशों के बीच विश्वास के पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ वार्ता के अंतिम सत्र में पिछले साल के समझौते को बदलने के भारत के अनुरोध पर देशों में मतभेद देखा गया।

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट बहाल, जनवरी 2021 में अकाउंट स्थाई रूप से किया गया था निलंबित

इस समझौते के तहत तेल और प्राकृतिक गैस के उपयोग को कम करने के लिए ‘‘कोयले के असंतुलित इस्तेमाल’’ को चरणबद्ध तरीके से कम करने की बात की गई। यूरोपीय राष्ट्र और अन्य देश समझौतों की इसी को बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सऊदी अरब, रूस और नाइजीरिया इसे हटाने पर जोर दे रहे है। पर्यावरणीय समूह ‘क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल’ के हरजीत सिंह ने कहा कि नयी निधि ने ‘‘प्रदूषण करने वालों को चेतावनी दी है कि वे जलवायु विनाश करने के बाद अब बच नहीं सकते’’ और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।

प्रमुख खबरें

Loksabha Election 2024| तीसरे चरण के लिए मतदान जारी, 12 राज्यों की इन सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी जनता

MI vs SRH IPL 2024: सूर्या की आक्रामक शतकीय पारी से मुंबई ने सनराइजर्स को सात विकेट से हराया

Maharashtra : Thane में रिश्ते की बहन और उसके पति की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास

Vadattiwar की शहीद हेमंत करकरे पर टिप्पणी से बिल्कुल सहमत नहीं हूं : Raut