By अनन्या मिश्रा | Apr 17, 2023
दक्षिण भारत का सबसे बड़ा राज्य कर्नाटक भारत का छठा सबसे बड़ा राज्य है। वहीं जनसंख्या के आधार पर कर्नाटक 8वां सबसे बड़ा राज्य है। जिसमें 21 जिले शामिल हैं। बता दें कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम के पारित होने के साथ कर्नाटक का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था। कर्नाटक की सीमा उत्तर पश्चिम में गोवा, उत्तर में महाराष्ट्र, उत्तर पूर्व में तेलंगाना, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु, दक्षिण में केरल और पश्चिम में अरब सागर से लगती है। कर्नाटक एकमात्र दक्षिणी राज्य है जिसकी अन्य सभी 4 दक्षिणी भारतीय राज्यों के साथ भूमि सीमाएं हैं। कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर है।
रोचक तथ्य
कर्नाटक की स्थापना 1 नवंबर 1956 में हुई थी। वहीं 1 नवंबर 1973 को इस राज्य को कर्नाटक का नाम मिला था। पहले इसे मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था।
कर्नाटक की राजधानी और सबसे बड़ा शहर बैंगलोर है।
राज्य की जनसंख्या साल 2011 की जनगणना के अनुसार, 61,130,704 थी। यह जनसंख्या के मामले पर 8वें नंबर पर है।
कर्नाटक का एरिया 191,791 किमी2 (74,051 वर्ग मील) है। यह पूरे भारत में छठे स्थान पर है।
राज्य में वर्तमान जिले में 31 जिले हैं। इन जिलो में 29,483 गांव बसे हुए हैं।
कर्नाटक की साक्षरता साल 2011 के अनुसार, 75.36% थी।
कर्नाटक आधिकारिक भाषा कन्नड़ है। वहीं क्षेत्रीय भाषाओं की बात करें तो कोडाव, तमिल, तेलुगु, तुलु, मलयालम और कोडवा आदि है।
कर्नाटक देश का सबसे बड़ा कॉफी निर्यातक है।
कर्नाटक में दुनिया की सबसे ऊंची गोमतेश्वर प्रतिमा की अखंड मूर्ति स्थापित है।
कर्नाटक का इतिहास
बता दें कि कर्नाटक का इतिहास पुरापाषाणकालीन हस्त-कुल्हाड़ी संस्कृति से संबंधित है। इस क्षेत्र में हाथ की कुल्हाड़ियों अन्य चीजों के अलावा क्लीवर की खोजों से प्रमाणित है। कर्नाटक में नवपाषाण और महापाषाण संस्कतियों के साक्ष्य पाए गए हैं। हड़प्पा में खोजा गया सोना कर्नाटक की खदानों से आयात किया गया था। जिसके बाद विद्वानों को सिंधु घाटी सभ्यता और कर्नाटक के बीच संपर्कों के बारे में अनुमान लगाने के लिए प्रेरित किया गया था। कई राजवंशों के उत्थान और पतन की गवाह रही कर्नाटक की मिट्टी पर वर्षों तक राज्य पर शासन किया गया।
कर्नाटक के प्रमुख शासकों में नंद, मौर्य, कदंब, बादामी चालुक्य आदि थे। कल्याण चालुक्य, राष्ट्रकूट और विजयनगर आदि सहित शासकों के राजवंश कर्नाटक के तत्कालीन साम्राज्य में छापे मारने के लिए जिम्मेदार थे। कर्नाटक राज्य के आखिरी शासक मराठा थे। मराठाओं ने कर्नाटक को मुगलों से जीता था। लेकिन राज्य से मराठा साम्राज्य खत्म होने के बाद और स्वतंत्रता प्राप्ति तक यह राज्य ब्रिटिश शासन के कब्जे में आ गया था। राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत 1 नवंबर 1956 को राज्य का दर्जा मिला। इस राज्य को मैसूर के नाम से जाता जाता था। जिसको बाद में 1 नवंबर 1973 को कर्नाटक का नया नाम मिला।
भाषा और धर्म
भारत की शास्त्रीय भाषाओं में कर्नाटक राज्य की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा कन्नड़ है। यह राज्य की आधिकारिक भाषा है। यहां पर अन्य अल्पसंख्यक भाषाओं में मराठी, तुलु, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू, कोंकणी, कोडवा और बेरी शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक के कुछ गांवों में संस्कृत भाषा का भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं अगर इस राज्य के धर्म की बात की जाए तो साल 2011 की जनगणना के अनुसार, 84% हिन्दू, 12.92% मुस्लिम, 1.9% ईसाई और 1.2% अन्य धर्मो के लोग थे।
संस्कृति और परम्पराएं
कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध है। यह विरासत विभिन्न साम्राज्यों के योगदान से लगातार आगे बढ़ती रही है। कर्नाटक वास्तुकला, लोकगीत, संगीत, साहित्य, चित्रकला और अन्य कला रूपों का लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। कर्नाटक के लोग पारंपरिक होने के साथ ही उनकी जीवन शैली काफी सरल है। कर्नाटक के लोग अपने अनूठे रीति-रिवाज, विश्वासों और मोहक संस्कृति का पालन करते हैं। कर्नाटकीय लोगों के संस्कृति और परम्पराओं की झलक उनके त्योहारों, वेशभूषा, संगीत, गहने, उत्सव और खान-पान में देखने को मिलती है।
कला और शिल्प
कर्नाटक के कला और शिल्प की बात करें तो यह राज्य हाथी दांत की नक्काशी, पत्थर की नक्काशी, लकड़ी की नक्काशी, चंदन शिल्प और गुड़िया बनाने के लिए फेमस है। यहां पर लकड़ी के काम के लिए शीशम और चंदन की लकड़ी की भारी डिमांड रहती है। राज्य में हाथीदांत कला काफी प्रविष्ट है। रेशम की बुनाई राज्य की अनूठी कला है। यह मैसूर लोगों का पारंपरिक व्यवसाय है। वहीं राज्य के दुर्लभ हस्तशिल्प में से एक धातु बिदरीवेयर भी शामिल है। आपको बता दें कि धातु बिदरीवेयर हस्तशिल्प का एक दुर्लभ रूप है। इस हस्तशिल्प की उत्पत्ति उत्तरी कर्नाटक के बीदर में हुई थी।
जनजातियां
कर्नाटक में करीब 42,48,987 आदिवासियों का घर है। इनमें से करीब 50,870 आदिम समूह के लोग हैं। हालांकि यह लोग कर्नाटक की आबादी का सिर्फ 6.95% प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कर्नाटक में निवास करने वाली 50 विभिन्न जनजातियां हैं। जिनमें से इस राज्य की मूल निवासी में मुख्य रूप से दो आदिम सहित 14 जनजातियां हैं।
वेशभूषा
कर्नाटक के लोगों का पहनावा हर जिले के हिसाब से अलग-अलग होता है। लेकिन अगर यहां के मुख्य पहनावे की बात करें तो पुरुषों की पोशाक पंछी या लुंगी, एंजी और पेटा है। पुरुष पंछी या लुंगी को कमर के नीचे बांधते हैं। जबकि अंगी एक पारम्परिक शर्ट होती है। इसके अलावा शायला लंबे कपड़े के एक टुकड़े को सिर पर पगड़ी की तरह इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसका एक हिस्सा कंधे पर भी रहता है। महिलाओं का पारंपरिक परिधान इलकल साड़ी है। मैसूर की सिल्क साड़ियां और शहरी क्षेत्रों में महिलाएं सलवार कमीज पहना जाता है। यहां के कांचीपुरम या कांजीवरम सिल्क की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में भी होती है।
त्यौहार और उत्सव
कर्नाटक अपनी विरासत और संस्कृति के साथ ही अपने त्योहारों और उत्सवों के लिए पूरे देश में फेमस है। यहां पर कई उत्सव और त्योहार कला, धर्म, मौसम आदि के नाम पर आयोजित किए जाते हैं। कर्नाटक अपनी अजीबो गरीब कंबाला उत्सव के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। इस उत्सव में भैंस दौड़ की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। राज्य के अन्य मुख्य त्योहारों में उगादी, कन्नड़ नव वर्ष, और मैसूर दशहरा, या लोकप्रिय रूप से नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। मैसूर दशहरा का त्योहार हिंदू देवी चामुंडेश्वरी के सम्मान में दस दिवसीय त्योहार है।
प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
जिस तरह से कर्नाटक के त्योहार, संस्कृति और विरासत फेमस है। ठीक उसी तरह राज्य के व्यंजन में मुख्य रूप से चावल, दाल, गेहूं / ज्वार से बनी रोटी और मसालेदार करी शामिल है। हालांकि कर्नाटक का भोजन अपने पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र आदि से काफी मेल खाता है। कर्नाटक में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन मिलेगा। यहां के फेमस खाने की बात करें तो इसमें इडली-वड़ा सांभर, अक्की रोटी शामिल हैं।मसाला डोसा और विभिन्न प्रकार की इडली, रवा डोसा और मेडु वड़ा, उडुपी आदि यहां पर काफी फेमस है। इसके अलावा मीठे में सांभर और चावल, धारवाड़ का पेड़ा, होलीगे, सज्जि और मैसूर पाक आदि का स्वाद ले सकते हैं।
कर्नाटक पर्यटन
कर्नाटक राज्य भारत के 4 टॉप पर्यटन स्थलों में शामिल है। कर्नाटक भारत में आकर्षण का एक गुलदस्ता है। उत्तर में बेलगाम से लेकर दक्षिण में बैंगलोर तक आपको इस राज्य में घूमने और देखने के लिए काफी कुछ मिलेगा। यह राज्य खूबसूरत परिदृश्य के अलावा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तक, शांत समुद्र तट से लेकर शानदार भोजन और पर्यटन स्थलों से भरा है। कर्नाटक को तमिल, कोंकणी, कन्नडिगा, मलयाली के अलावा मुसलमानों और ईसाइयों ने अपना घर बना लिया है। कर्नाटक में आपको 5 राष्ट्रीय उद्यान, 25 से अधिक वन्यजीव अभ्यारण्य भी मिलेंगे। इनमें से नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान और बांदीपुर सबसे ज्यादा फेमस है।