India के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले आतंकवादी बशीर अहमद पीर को रावलपिंडी में किसने ठोंक डाला?

By नीरज कुमार दुबे | Feb 22, 2023

पाकिस्तान आतंकवाद का पनाहगार है यह बात अब पूरी दुनिया जानती है इसलिए शायद पाकिस्तान सरकार ने आतंकवादियों को पूरी तरह छूट दे दी है कि खुलेआम दिखो और खुलेआम भारत को धमकी देकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करो। हम आपको बता दें कि भारत के लिए मोस्ट वांटेड आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ सैयद सलाउद्दीन पाकिस्तान में देखा गया है। यही नहीं जैश-ए-मोहम्मद का सरगना हाफिज सईद तो भारत को और भारत के प्रधानमंत्री को धमकाते हुए अपना वीडियो वायरल करवा रहा है। आतंकवाद ही पाकिस्तान को ले डूबा है लेकिन फिर भी पाकिस्तान सुधरने को राजी नहीं है।


जहां तक सैयद सलाउद्दीन की बात है तो हम आपको बता दें कि वह अपने सबसे चहेते कमांडर बशीर अहमद पीर के अंतिम संस्कार में देखा गया। आतंकवादी बशीर अहमद पीर भारत के जम्मू-कश्मीर का था जोकि 15 साल से अधिक समय से पाकिस्तान में रह रहा था। बशीर अहमद पीर की सोमवार को रावलपिंडी में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जिसके बाद उसके जनाजे में सैयद सलाउद्दीन शामिल हुआ था। सलाउद्दीन बशीर के जनाजे में दुआ करता हुआ दिखाई दिया। हम आपको बता दें कि सलाउद्दीन को अमेरिका और भारत ने वैश्विक आतंकी घोषित किया है। उसके खिलाफ कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है।


जहां तक हिज्बुल मुजाहिदीन के स्वयंभू कमांडर बशीर अहमद पीर की बात है तो आपको बता दें कि खुफिया अधिकारियों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला बशीर अहमद पीर 15 साल से अधिक समय से पाकिस्तान में रह रहा था। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक, सोमवार को रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को हमलावरों ने बेहद करीब से गोली मार दी। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बशीर अहमद पीर पाकिस्तान के आतंकी गुटों के बीच हो रही गैंगवार का ताजा शिकार है। हाल ही में इस तरह के गैंगवार में कई आतंकवादी मारे गये हैं।

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हम आपको बता दें कि बशीर अहमद पीर नियंत्रण रेखा के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने की गतिविधियों में शामिल था। आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पिछले साल 4 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा बशीर अहमद पीर को आतंकवादी घोषित किया गया था। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, बशीर अहमद पीर हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों के विस्तार के लिए पूर्व आतंकवादियों और अन्य को एकजुट करने को लेकर कई ऑनलाइन प्रचार समूहों से जुड़ा था।


उसके बारे में बताया जा रहा है कि वह जम्मू-कश्मीर में हाजी, पीर और इम्तियाज के कोड नाम से आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था। रावलपिंडी में रह रहे बशीर अहमद पीर को पाकिस्तान ने नागरिकता दे दी थी। बशीर के बारे में यह भी जानकारी मिली है कि वह पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करके जम्मू-कश्मीर आने वाले आतंकियों को सहायता प्रदान करवाता था। पाकिस्तान में बैठकर वह हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए काम करता था। रावलपिंडी में बैठे-बैठे वो जम्मू-कश्मीर पहुंचे घुसपैठियों और आतंकियों को रसद और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने का काम करता था।


दूसरी ओर, हाफिज सईद की बात करें तो वह भारत को धमकी दे रहा है कि वह पाकिस्तान का पानी बंद करने की बात भी नहीं सोचे। हम आपको बता दें कि भारत ने सितंबर 1960 की सिंधु जल संधि की समीक्षा और उसमें संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस भेजा है। इस पर यह आतंकवादी सरगना भड़क गया है।


बहरहाल, यहां हम कहना चाहेंगे कि पाकिस्तानियों के पास आटा नहीं है, तेल नहीं है, बस पीने के लिए पानी है, इसलिए शायद उसके भी छिन जाने के डर से ये आतंकवादी भड़क रहा है। लेकिन इसको ये नहीं पता कि ये जहां खड़ा होकर बोल रहा है, भारत वहीं पर इसको सबक सिखाने की हिम्मत रखता है। इस आतंकवादी को पता होना चाहिए कि अब हमारा सिद्धांत है- कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं। पाकिस्तानी आतंकवादियों सुन लो कि भले तुम्हारे झंडे में चांद होगा लेकिन हमारा तो झंडा चांद पर है। इसलिए हम इस तरह की धमकी की परवाह नहीं करते।

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