By रेनू तिवारी | Nov 23, 2021
सलमान खान के बेहनोई अभिनेता आयुष शर्मा फिल्म अंतिम- द फाइनल ट्रुथ में सलमान खान के साथ नजर आने वाले हैं। पहली फिल्म लवरात्री के बुरी तरह फ्लोप होने के बाद एक्टर की यह दूसरी फिल्म में जिसमें वह काफी ट्रांसफॉर्मेशन के साथ नजर आने वाले हैं। काफी लोग लवरात्रि के एक्टर आयुष शर्मा को एक झलक में पहचान भी नहीं पाएंगे। अंतिम- द फाइनल ट्रुथ के लिए अभिनेता आयुष शर्मा के ट्रांसफॉर्मेशन ने उनके सह-कलाकार सलमान खान सहित उनके दोस्तों और शुभचिंतकों को हैरान कर दिया है। अपनी बॉडी को इतने कम दिनों में शानदार तरीके से बदलने को लेकर चारों तरफ उनकी तारीफ हो रही हैं। फैंस भी जानना चाहते है कि आखिर उन्होंने ये बदलाव कैसे किया। जाता बयान में एक्टर ने अपने फैंस को रिप्लाई किया है और बताया कि उन्होंने ऐसा कैसे किया।
यह खुलासा करते हुए कि अंतिम को साइन करने में उन्हें तीन साल क्यों लगे और वह स्क्रीन पर राहुलिया कैसे बने आयुष ने कहा कि मुझे पता था कि मुझे इस फिल्म के लिए पूरी तरह से बदलने की जरूरत है। मुझे शारीरिक बदलाव, आवाज, डायलॉग डिलीवरी आदि से गुजरना पड़ता है। मैं इसे लवयात्री की तरह नहीं कर सकता था। मुझे जो मौका मिला है उसके साथ मुझे न्याय करना है। मुझे इसके लिए खुद को प्रशिक्षित करना पड़ा। मैं एक ही तरह की फिल्म या बैक टू बैक फिल्में भी नहीं कर सकता था।
आयुष के मस्कुलर बॉडी को बनाने वाले कोई और नहीं बल्कि टाइगर श्रॉफ के ट्रेनर राजेंद्र ढोले हैं। जिन्होंने आयुष शर्मा पर थोड़ा ज्यादा ध्यान दिया और उनके शरीर की शेप बदलने में मदद की। एक सूत्र ने एक न्यूज पोर्टल को बताया कि जब बागी एक्टर के पास आयुष पहुंचे तो टाइगर ने उन्हें सलाह दी कि वह ट्रेनर राजेंद्र ढोले से ट्रेनिंग लें। फिर ट्रेनर ने फिल्म में आयुष के भारी-भरकम लुक के लिए एक विस्तृत योजना बनाई, जिसमें कठोर कसरत और सख्त आहार शामिल किया गया था।
अपनी पहली फिल्म 'लवयात्री' के दौरान 60 किलो वजन वाले आयुष को 76 किलो वजन हासिल करना था। रिपोर्ट के मुताबिक, आयुष ने करीब 18 महीने तक कड़ी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की। ट्रेनर ने न्यूज पोर्टल को बताया कि शुरुआत में यह एक टास्क था कि जिस बॉडी की मांग की गई, उसे हासिल करना उनके किरदार के लिए काफी अच्छा था। आयुष हमेशा से फिट रहे हैं, लेकिन उनका शरीर दुबला-पतला था, इसलिए उन्हें टोंड मसल्स और रिप्ड एब्स देते हुए उन्हें बड़ा करना पड़ा, जिसके लिए एक समर्पित प्रशिक्षण दिनचर्या की आवश्यकता होती है।