By प्रिया मिश्रा | Apr 26, 2022
हमारी व्यस्त जीवनशैली में हम अक्सर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कर जाते हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए शारीरिक गतिविधि बहुत जरूरी होती है। इसके लिए योग एक अच्छा विकल्प है। योग के कई आसन हैं जिनके नियमित अभ्यास से हमें स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। ऐसा ही एक आसान है नटराज आसन। यह एक नृत्य आसन भी है। इस आसन की खास बात यह भी है की यह भगवान शंकर का मुख्य आसन माना जाता है। यह आसन योग मुद्रा से शरीर को संतुलित करने में मदद करता है। आज हम आपको नटराज आसन के फायदे के बारे में बताएंगे।
नटराज आसन करने का तरीका
नटराज आसन करने के लिए सबसे सीधे पहले खड़े हो जाएं। उसके बाद पंजों को एक साथ रखें और आंखों की सीध में किसी पॉइंट पर दृष्टि केंद्रित करें।
उसके बाद दाएं घुटने को मोड़ें और शरीर के पीछे दाहिने हाथ से टखने को पकड़ लें।
अब दोनों घुटनों को एक साथ रखते हुए संतुलन बनाने की कोशिश करें।
उसके बाद धीरे-धीरे दाहिने पैर को उठाते हुए पीछे की ओर तानें और जितना संभव हो ऊंचा उठायें। यह पता कर लें कि दायां कुल्हा बिल्कुल भी ना मुड़े और पैर शरीर के ठीक पीछे ऊपर की ओर उठे।
बाएं हाथ की तर्जनी के आगे वाले भाग और अंगूठे को ज्ञान मुद्रा में लाकर बाएं हाथ को शरीर के सामने ऊपर तरफ उठायें। साथ ही अपनी दोनों आंखों को बाएं हाथ पर केंद्रित करें।
अपनी इच्छा अनुसार इस अवस्था को बनाये रखें। साथ ही बाएं हाथ को एक साथ रखें।
नटराज आसन के लाभ
इस आसन को करने से तंत्रिका तंत्र में संतुलन बना रहता है।
इस आसन को नियमित रूप से करने से शरीर में नियंत्रित विकास होता है।।इस आसन से मानसिक एकाग्रता में विकास होता है।
इस आसन को करने से वजन में काफ़ी कमी आती है।
यह आसन तनाव को कम करने के लिए बहुत ही ज्यादा मददगार है।
नटराजन आसन को करने से पैरों में लचीलता आती है।
इस आसन को करने से मन बहुत ही शांत रहता है। यह आसन मन के विकास के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है।
यह शरीर की मुद्रा में सुधार करता है।
नटराजासन करने से थाई, हिप्स, टखनों और सीने की मसल्स को स्ट्रेच करने से बहुत फायदा होता है।
इस आसन को करने से कंधों एवं मस्तिष्क में कैल्शियम जमा होना रुक जाता है।
नटराज आसन की सावधानियां
जिन लोगो को घुटनों में बहुत दर्द रहता है। उन्हें इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए।
वैरिकोस नस से परेशान रहने वाले व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
साइटिका के रोगियों को इससे दूरी बना के रखनी चाहिए।
जिन लोगो को रीढ़ की हड्डी में कोई परेशानी हो तो उन्हें इस आसन को करने से बचना चाहिए।
- प्रिया मिश्रा