Vanakkam Poorvottar: Assam Tragedy से खड़ा हुआ सवाल, प्रतिबंध के बावजूद आखिर कैसे हो रही थी Rat Hole Mining?

By नीरज कुमार दुबे | Jan 09, 2025

असम के दीमा हसाओ जिले में एक अवैध कोयला खदान में फंसे खनिकों का पता लगाने के लिए चौथे दिन भी कई राज्य और केंद्रीय एजेंसियों का बचाव अभियान जारी है। असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि पूरी रात पानी निकालने के बाद सुबह तलाश अभियान फिर से शुरू हुआ और रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) पानी से भरे शाफ्ट के अंदर भेजा गया। हम आपको बता दें कि सोमवार को गुवाहाटी से लगभग 250 किलोमीटर दूर उमरंगसो क्षेत्र में कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण मजदूर उसमें फंस गए थे। खदान के कर्मचारियों के अनुसार, घटना के समय अवैध खदान के अंदर लगभग 15 श्रमिक थे। अंदर फंसे नौ खनिकों में से एक का शव बुधवार को सेना के गोताखोरों ने बरामद किया।


क्या होता है रैट होल खनन (Rat Hole Mining) ?

सवाल उठता है कि जब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2014 में ‘रैट-होल खनन’ पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब भी यह खदान कैसे चल रही थी? वैसे इस तरह की रिपोर्टें हैं कि पूर्वोत्तर में अभी भी इस खतरनाक तरीके से कोयला निकाला जाता है। हम आपको बता दें कि रैट-होल खनन कोयला निकालने की एक विधि है। जैसे चूहे का बिल होता है उसी तरह एक व्यक्ति के उतरने लायक जगह बनाकर खदान में प्रवेश किया जाता है। एक बार गड्ढा खोदने के बाद खनिक कोयले की परतों तक पहुंचने के लिए रस्सियों या बांस की सीढ़ियों का उपयोग करके नीचे उतरते हैं। फिर कोयले को फावड़े और टोकरियों जैसे आदिम उपकरणों का उपयोग करके मैन्युअल रूप से निकाला जाता है। 

 

इसे भी पढ़ें: Assam Coal Mine Accident | असम में कोयला खदान के अंदर फंसे नौ खनिकों में से एक का शव बरामद, आठ अभी भी अंदर


कुएं से बाहर निकलने में कामयाब रहे श्रमिकों ने मीडिया को बताया था कि कुआं 300 फीट गहरा था और इसमें कई होल बनाये गये थे। कई बार ऐसी खदानों में मज़दूरों को क्रेन की मदद से लोहे के बक्सों में बिठा कर कुएं के अंदर ले जाया जाता है। कोयला काटने वाले मजदूर अपने सिर पर लगी बैटरी चालित लाइट का उपयोग करते हैं और अंदर संचार के लिए वॉकी टॉकी का भी उपयोग करते हैं। असम में जो हादसा हुआ है उसके बारे में मजदूरों ने बताया है कि संभवत: एक शाफ्ट खोदने और पास के कुएं से टकराने के कुछ ही मिनटों में कुएं में पानी भर गया, जिसमें शायद पहले से ही पानी भरा हुआ था।


बहरहाल, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं। एफआईआर भी दर्ज कर ली गयी है और कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। देखना होगा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा कब तक दिलाई जाती है। जब तक मजदूरों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले लोगों को सख्त सजा नहीं मिलेगी तब तक ऐसे घटनाक्रम आगे भी सामने आते रहेंगे इसलिए असम सरकार को चाहिए कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे तक पहुँचाए।

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी