मैंने नवंबर में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, मरते दम तक ओबीसी के लिए लड़ूंगा : Chhagan Bhujbal

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 04, 2024

हाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले नवंबर में राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपनी ही सरकार पर पिछले दरवाजे से मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में आरक्षण देने का आरोप लगाया है।

भुजबल ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए दोहराया कि वह मराठा समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन मौजूदा ओबीसी कोटा साझा करने के खिलाफ हैं। वह अजित पवार-नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य हैं।

भुजबल ने कहा, ‘‘विपक्ष के कई नेता और यहां तक कि मेरी सरकार के नेता भी कहते हैं कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। किसी ने कहा कि भुजबल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

मैं विपक्ष, सरकार और अपनी पार्टी के नेताओं को बताना चाहता हूं कि 17 नवंबर को अंबाड में आयोजित ओबीसी एल्गार रैली से पहले, मैंने 16 नवंबर को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और तत्पश्चात उस कार्यक्रम में भाग लेने गया।’’

भुजबल ने कहा कि वह दो महीने से अधिक समय तक चुप रहे, क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उन्हें इस बारे में नहीं बोलने के लिए कहा था। वरिष्ठ ओबीसी नेता ने कहा, ‘‘बर्खास्त करने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है। मैं अंत तक ओबीसी के लिए लड़ूंगा।’’

भुजबल की टिप्पणी कुछ वर्गों की ओर से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग की पृष्ठभूमि में आई है, क्योंकि वह मराठा आरक्षण की मांग से निपटने के तरीके को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करते रहे हैं।

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