By अनुराग गुप्ता | Nov 11, 2021
नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्रोलर्स के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि वो ही लोग मुझे संघी कह सकते हैं, जिन्होंने मुझे नहीं पढ़ा है। दरअसल, शशि थरूर ने 8 नवंबर को भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी को उनके 94वें जन्मदिन की बधाई दी। जिसके बाद ट्रोलर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया है।
शशि थरूर ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी जी को मेरे द्वारा दी गई जन्मदिन की बधाई पर मिली टिप्पणियों से स्तब्ध हूं। क्या हमारे राजनीतिक प्रवचन से सभ्यता पूरी तरह से गायब हो गई है? गांधीजी ने हमें अपने राजनीतिक विरोधियों में मानवता की कद्र और सम्मान करना सिखाया। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसा करना अब मुझे संघी हमदर्द बना देता है!
गांधीवादी शब्द हैं अच्छाई और बुराई
उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में गांधीजी ने हमें पाप से लड़ना सिखाया लेकिन पापी से प्रेम करो। अहिंसा प्रेम की एक सकारात्मक अवस्था है, यहां तक कि बुराई करने वाले का भी भला करने की। जबकि अच्छाई और बुराई गांधीवादी शब्द हैं जिनका मैं आसानी से उपयोग नहीं कर सकता, मैं दोनों तरफ असहिष्णुता की निंदा करता हूं।
बधाई देना नहीं छोडूंगा
उन्होंने कहा कि मैं लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देना जारी रखना चाहता हूं, इसके बावजूद कि वो हमारे राजीनितक विरोधी हैं। मेरा 40 साल का लेखन यह स्पष्ट करता है कि मैं किसमें विश्वास करता हूं। केवल वे लोग जिन्होंने मुझे नहीं पढ़ा है, वो ही मुझे संघी कहेंगे। मैं उनके लिए अपने मूल्यों को नहीं छोडूंगा।