By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 14, 2022
नयी दिल्ली। दिल्ली की गाजीपुर फूल मण्डी में शुक्रवार सुबह एक लावारिस बैग में आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट से भरा आईईडी उपकरण मिला। अधिकारियों ने बताया कि इस बम को बाद में निष्क्रिय कर दिया गया। विस्फोटक को एक लोहे के बक्से में छिपाकर काले रंग के बैग में रखा गया था। यह घटना 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोह से पहले हुई है, जब शहर में सुरक्षा पहले से कड़ी रखी गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक एम. ए. गणपति ने पीटीआई को बताया, ‘‘पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि विस्फोटक आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट है। इसका वजन करीब तीन किलोग्राम है और उसमें कुछ कीलें-छर्रे लगाए हुए थे।’’
एनएसजी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पूर्वाह्न 11 बजे के आसपास संदिग्ध वस्तु के बारे में उन्हें सूचित किया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही बम का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने वाला दस्ता, धातु का बड़ा बक्सा और अन्य तामाम जरूरी सामान के साथ ट्रक लेकर दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित मौके पर पहुंचस। दमकल विभाग के कर्मियों ने बताया कि उन्हें संदिग्ध लावारिस बैग पड़े होने की सूचना पूर्वाह्न 10:19 बजे मिली। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और दमकल विभाग के कर्मी भी मौके पर पहुंचे। एनएसजी के अधिकारी ने बताया, ‘‘आईईडी को गहरे गड्ढे में डालने के बाद नियंत्रित विस्फोट तकनीक का उपयोग करके दोपहर 1:30 बजे नष्ट कर दिया गया।’’
उन्होंने बताया, ‘‘आईईडी के नमूने एकत्र किए गए हैं और इस संबंध में दिल्ली पुलिस को विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी।’’ दिल्ली पुलिस के सामान्य और विशेष प्रकोष्ठ के कर्मियों के अलावा मौके पर बम निष्क्रिय करने के दौरान धारण किया जाने वाला सूट पहने एनएसजी के कर्मियों को भी देखा गया। शुरुआती जांच के अनुसार, बम को फूल मण्डी के मुख्य दरवाजे पर रखा गया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘संदेह है कि संदिग्ध व्यक्ति ने बम लगाने के पहले क्षेत्र की टोह ली होगी। हमें संदेह है कि बम में टाइमर लगा हुआ था। बम किसने और कैसे लगाया यह तय करने के लिए जांच की जा रही है।’’ उन्होंने बताया कि फिलहाल यह मामला विस्फोटक कानून के तहत दर्ज किया जाएगा। घटना स्थल के आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपी की पहचान की जा सके और पता लगाया जा सके कि घटना कैसे हुई। अधिकारियों ने बताया कि रोहिणी फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के वरिष्ठ विशेषज्ञों सहित दो टीमें मौके पर हैं और नमूनें ले रही हैं।