सही दिशा में जा रहा है देश, आज का ग़रीब-वर्ग कल का मध्यम-वर्ग होगा

By प्रह्लाद सबनानी | Aug 22, 2019

15 अगस्त 2019 को देश ने अपना 73वाँ स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। लाल क़िले की प्राचीर से देश के प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम अपने सम्बोधन में इस बार कई महत्वपूर्ण मुद्दों को छुआ है। ट्रिपल तलाक़, धारा 370 एवं 35ए जैसे मुद्दों के साथ-साथ देश में व्याप्त कई सामाजिक मुद्दों एवं आर्थिक प्रगति के बारे में भी बहुत कुछ बताने का प्रयास किया है। यह सही है कि वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से, पिछले 5 वर्षों के दौरान, देश में ग़रीब वर्ग के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कई योजनाओं को सफलता पूर्वक लागू किया गया है। जैसे, स्वच्छ भारत योजना, उज्ज्वला योजना (7 करोड़ से अधिक गैस के नए कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं), शौचालय योजना (9.6 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है), जनधन खाता योजना (36 करोड़ से अधिक खाते बैंक में खोले जा चुके हैं), प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ लोगों को शामिल किया जा रहा है), प्रधान मंत्री आवास योजना (1.5 करोड़ से अधिक मकानों का निर्माण ग्रामीण इलाक़ों में किया जा चुका है), एवं 100 प्रतिशत गांवों में बिजली उपलब्ध करा दी गई है। उक्त योजनाओं को लागू करने के कई फ़ायदे भी हुए हैं, जिसको कई अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी अब स्वीकार करने लगे हैं। जैसे की, हाल ही में यूनाइटेड नेशनस द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2006 से 2016 के 10 वर्षों के दौरान बहुआयामी ग़रीबी की दर में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई एवं 27.10 करोड़ लोगों को बहुआयामी ग़रीबी से बाहर निकाल लिया गया। यह हमारा सपना होना ही चाहिए कि देश में ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति के पास अपना घर हो, बिजली हो, पानी हो, ईंधन हो, ऑप्टिकल फ़ाइबर नेटवर्क आदि उपलब्ध हो। साथ ही, देश के नागरिकों में आज स्वाभिमान, आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास, बढ़ाने की भी ज़रूरत है। एक बार देश के नागरिकों में इन विशेषताओं का संचार हो जाए तो फिर देश तरक़्क़ी के रास्ते पर तेज़ गति से चल पड़ेगा। 

 

आर्थिक दृष्टि से भी यदि देखा जाये तो बहुआयामी ग़रीबी रेखा से ऊपर लाए गए इन लोगों को सरकार एवं समाज का, आगे भी यदि बहुमूल्य एवं उचित सहयोग जारी रहे तो ये लोग कल देश में मध्यम वर्ग की श्रेणी में लाए जा सकते हैं। इससे देश में उत्पादित हो रही वस्तुओं की माँग में ज़बरदस्त वृद्धि देखने को मिल सकती है। जिसका सीधा लाभ देश के उद्योग, व्यापार, सेवा क्षेत्र, कृषि क्षेत्र को भी होगा। निश्चित ही इससे देश में ख़ुशहाली आएगी।       

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देश की आज़ादी के 72 वर्षों के बाद भी, आज गांवों में महिलाएँ 2 से 5 किलोमीटर तक की दूरी तय करके पानी से भरा एक घड़ा, अपने सिर पर रखकर, घर लाती हैं एवं इस प्रकार अपने घर के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करती हैं। अब, माननीय प्रधान मंत्री का ध्यान इस गंभीर समस्या को हल करने की और भी गया है तथा इस समस्या को हल करने हेतु जल जीवन मिशन की घोषणा, अपने उक्त उदबोधन के दौरान की। इस योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण इलाक़ों के समस्त घरों में पीने के जल की व्यवस्था की जायेगी। अतः, इस मद में आगे आने वाले समय में रुपए 3.50 लाख करोड़ ख़र्च करने की घोषणा भी प्रधान मंत्री महोदय द्वारा की गई। माननीय प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि पानी की उपलब्धता के क्षेत्र में पिछले 70 वर्षों के दौरान जो काम हुआ है उसका चार गुना काम अगले 5 वर्षों के दौरान करने की ज़रूरत है। जल जीवन मिशन को जन सामान्य का आंदोलन बनाना होगा, जिससे जल का न केवल उचित उपयोग हो बल्कि भविष्य के लिए भी जल संचयन किया जा सके।    

 

आज के ग़रीब-वर्ग को मध्यम-वर्ग में लाने हेतु देश में रोज़गार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने होंगे। इस हेतु देश में ही पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसमें निवेश की भी अधिक आवश्यकता नहीं होती है। हम सभी देशवासियों को मिलकर काम करना होगा। अगर हम सब लोग मिलकर यह प्रण करें की विदेशों में स्थित पर्यटन स्थलों की जगह हम अपने देश के ही पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे, तो हमारे अपने देश में ही बग़ैर किसी विशेष निवेश के रोज़गार के अधिक से अधिक अवसरों का निर्माण करने में हम सफल होंगे। 

 

दूसरे, हमारे देश में हर ज़िले की अपनी-अपनी विशेषता है। कहीं हथकरघा उद्योग अपने चरम पर है तो किसी ज़िले को बर्तन बनाने में महारत हासिल है, कहीं के ताले बहुत मशहूर हैं तो कहीं की मिठाई बहुत प्रसिद्ध है। ये सभी ज़िले यदि अपनी-अपनी विशेषताओं को निखार देकर, नवोन्मेश करके, अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाएँ और फिर इन उत्पादों का निर्यात करें तो ये समस्त ज़िले अपने आप को निर्यात केंद्र के रूप में विकसित कर सकते है। इस प्रकार, अपने ही ज़िले में न केवल रोज़गार के कई नए अवसर निर्मित किए जा सकते हैं बल्कि अपने गाँव एवं परिवार के सदस्यों का पलायन भी दूसरे शहरों एवं राज्यों की और रोका जा सकता है।     

 

अगले 5 वर्षों के दौरान, देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना ही होगा, यह चाहे जितना भी कठिन कार्य लगता हो। माननीय प्रधान मंत्री महोदय ने इसलिए यह भी घोषणा की है कि आगे आने वाले समय में देश में रुपए 100 लाख करोड़ का निवेश, आधुनिक आधारिक संरचना को विकसित करने हेतु, किया जाएगा। आधुनिक आधारिक संरचना में भारतमाला परियोजना, सागरमाला परियोजना, आधुनिक रेलवे, आधुनिक पोर्ट, विश्व स्तर के शिक्षण संस्थान, आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल आदि शामिल होंगे। इस घोषणा से तो देश में सुस्त पड़ रही अर्थव्यवस्था को ज़बरदस्त बल मिलेगा।   

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अंत में यही कहा जा सकता है कि देश में आज स्थिर सरकार है, स्थिर नीतियाँ हैं, मुद्रा स्फीति की दर नियंत्रण में है, आर्थिक आधारभूत बहुत मज़बूत स्थिति में है, जीएसटी सफलतापूर्वक लागू किया गया है, पुराने कई ग़ैर-ज़रूरी क़ानूनों को समाप्त कर तथा नए क़ानूनों को आसान बनाकर देश में व्यापार करने को आसान बनाया गया है। पूरा विश्व आज हमारे साथ जुड़ना चाह रहा है। इन अवसरों को हाथ से जाने नहीं देना चाहिए। उद्योग-जगत, देश के नागरिकों एवं हम सभी को मिलकर देश के विकास को गति देनी ही होगी ताकि देश में रोज़गार के अधिक से अधिक अवसरों का निर्माण कर हमारे देश में जीने को आसान बनाया जा सके।

 

-प्रह्लाद सबनानी

 

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