By अभिनय आकाश | Apr 07, 2022
पाकिस्तान में इन दिनों सियासी संकट पूरे उफान पर है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री इमरान खान अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा और उन पर विदेशी आकाओं के कहने पर उनकी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। उन्होंने अमेरिका का स्पष्ट जिक्र करते हुए यह बात कही। इससे ठीक उलट पाकिस्तानी सेना ऐसी किसी भी बातों से इनकार करती नजर आई। पाकिस्तानी सेना ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सामने दिए बयान में कहा कि इमरान सरकार को गिराने में अमेरिका के शामिल होने के कोई सबूत नहीं हैं। एक तरफ इमरान की पश्चिमी विरोधी बयानबाजी और आरोप वहीं इससे इतर पाकिस्तानी सेना पश्चिमी शक्तियों विशेष रूप से अमेरिका के साथ अपने संबंधों को फिर से स्थापित करने पर विचार कर रही है। कुछ इसी तरह से संकेत सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की तरफ से अपने हालिया संबोधन में दिए गए हैं।
चीनी हथियारों ने किया परेशान
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना देश को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है। पाक सेना की चाहत पश्चिम के साथ रक्षा सहयोग की को बढ़ाना है जबकि आतंकवाद को समर्थन देने उसे इतना महंगा पड़ रहा है कि पश्चिमी देश लगातार उपकरणों की आपूर्ति से इनकार कर रही है और रद्द भी कर रही है। पाकिस्तानी सेना के इस बदले स्टैंड के पीछे की बड़ी वजह चीनी हथियारों के आशा-अनुरूप प्रदर्शन नहीं करने को लेकर है।
पश्चिमी देशों ने डिफेंस टेक्नोलॉजी देने किया इनकार
द प्रिंट के सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तानी सेना में युद्धक टैंक, ऑर्टिलरी और एयर डिफेंस सिस्टम कुछ चीनी उपकरण को शामिल किया गया। लेकिन ये सभी हथियार सर्विसिंग और प्रदर्शन के मामले में बुरी तरह असफल साबित हुए। जबकि पाकिस्तान पहले ही चीन से पनडुब्बियों के एक नए सेट के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर कर चुका है। लेकिन इसको लेकर भी पाकिस्तान के अंदर अब पशोपेश कि स्थिति है। सूत्रों ने दावा किया है कि अमेरिका और फ्रांस के अलावा जर्मनी सहित कई पश्चिमी देशों द्वारा पाकिस्तान को रक्षा प्रौद्योगिकी देने से इनकार करने की वजह से उसकी रक्षा तैयारियों पर असर पड़ा है।
पाकिस्तान "कैंप की राजनीति" नहीं करता
पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इस्लामाबाद में एक सेमिनारके दौरान पश्चिमी देशओं से रिश्ता सुधारने की बात की थी। दर्शकों के एक ने सवाल किया था कि अगले 10 वर्षों के लिए चीन के साथ पाकिस्तान के सुरक्षा सहयोग को कैसे देखते हैं? सेना प्रमुख ने कहा था कि पाकिस्तान "कैंप की राजनीति" नहीं करता है। जनरल बाजवा ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान के अमेरिका के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। “आज हमारे पास जो अच्छी सेना है, वह काफी हद तक अमेरिका द्वारा निर्मित और प्रशिक्षित है। हमारे पास सबसे अच्छा उपकरण अमेरिकी उपकरण है।