By अभिनय आकाश | May 28, 2022
पाकिस्तान में सत्ता के लिए खींचतान देखी जा रही है। बेइज्जती के बाद कुर्सी गंवा चुके पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आजादी मार्च के साथ इस्लामाबाद पहुंचे। सरकार को धमकाने के अंदाज में चेतावनी दी कि जब तक दोबारा चुनाव नहीं कराए जाते वापस नहीं लौटेंगे। लेकिन मार्च में हिंसा भड़कने के बाद इमरान खान को सेना का डर सताने लगा डरे हुए इमरान ने मार्च खत्म कर दिया। लेकिन सरकार को साथ ही एक और नई धमकी दे दी। इमरान ने छह दिन का अल्टीमेटम भी शहबाद सरकार को दिया।
सेना से डरे इमरान
पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सत्ता गंवाने के बाद सड़क पर क्रांति लाने निकले थे। इमरान का आजादी मार्च शुरू हुआ तो हजारों की भीड़ भी इकट्ठी हो गई। इमरान चाहते भी यही थे। लेकिन भीड़ पर किसी का काबू नहीं रहा। इस्लामाबाद में हिंसा भड़क उठी। आगजनी शुरू हो गई। हर तरफ अफरा-तफरी फैल गई। तैयारी लंबी लड़ाई की थी। लेकिन हालात बेकाबू हुए तो इमरान को सेना का डर सताने लगा। डरे इमरान ने इस्लामाबाद से निकल लेने में ही भलाई समझी। हां जाते-जाते वो शहबाज सरकार को अल्टीमेटम भी देते गए। इमरान खान नई सरकार को चुनाव की तारीखें घोषित करने के लिए छह दिनों का अल्टीमेटम देकर लौट गए और सभी को चौंका दिया।
हिंसा से बचने के लिए खत्म किया मार्च
जिसके बाद से ये चर्चा चल पड़ी की इमरान खान की पार्टी पीटीआई और सेना के बीच एक 'डील' हुई है। जिसके बाद इमरान ने अचानक से अपना मार्च कैंसल कर दिया। लेकिन अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि उन्होंने देश में आम चुनाव की मांग को लेकर अपनी विशाल ‘आजादी रैली’ को समाप्त करने के लिए पाकिस्तानी सेना के साथ समझौता किया था। इसके साथ ही खान ने जोर दिया कि उन्होंने खून-खराबे से बचने के लिए अपने मार्च को समाप्त करने का फैसला किया। इमरान खान ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश के कई शहरों में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्यों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद जनता में भारी आक्रोश है। खान ने कहा, पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए जो किया, उसके बाद मैंने लोगों में काफी नाराजगी देखी वहीं डर था कि अगर हम घोषणा के अनुसार मार्च करते रहे, तो देश अराजकता में डूब जाएगा।