By रेनू तिवारी | Dec 31, 2025
भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक अंधविश्वास सबसे घाटक समस्या है। पढ़े लिखे लोग इस जाल में फंसे हुए है। वहम और अंधविश्वास का इलाज करना काफी मुश्लिक होता है। अंधविश्वास लोगों के लिए इतना खतरनाक है कि ये जान भी ले सकता है। ऐसा ही एक कांड असम में हुआ। असम में कार्बी आंगलोंग जिले के एक गांव में कुछ लोगों ने जादू-टोना करने के संदेह में एक दंपति को जिंदा जला दिया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह घटना मंगलवार रात को होवराघाट क्षेत्र के संख्या-एक बेलोगुड़ी मुंडा गांव में हुई। उन्होंने कहा, ‘‘बदमाशों ने पहले दंपति पर उनके घर के अंदर धारदार हथियारों से हमला किया। उसके बाद उन्होंने उनके घर में आग लगा दी जिससे दंपति की जलकर मौत हो गई।’’
अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों ने मृतकों पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया। मृतकों की पहचान गार्डी बिरोवा (43) और मीरा बिरोवा (33) के रूप में हुई है। वरिष्ठ पुलिस और नगर निकाय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और उन्होंने जांच शुरू कर दी है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह इलाका अंधविश्वास की गिरफ्त में है। लोग अब भी अफवाहों पर विश्वास करते हैं, जिससे कुछ लोगों को कष्ट झेलना पड़ता है।’’ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के अलावा, राज्य के कानून के तहत भी ऐसे कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं।
इससे पहले भी एक घटना में ऐसा ही हुआ था जब असम में एक गांव के लोगों ने एक बुजुर्ग जोड़े को ज़िंदा जला दिया, क्योंकि एक गैर-कानूनी अदालत ने उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम के मुख्य शहर गुवाहाटी से करीब 80 किलोमीटर पश्चिम में राजापारा गांव के लोगों ने एक नीम-हकीम को एक पब्लिक मीटिंग के लिए बुलाया ताकि यह पता चल सके कि इलाके में इतने सारे लोग बीमार क्यों पड़ रहे हैं।
सीनियर पुलिस अधिकारी अनिल कुमार डेका ने कहा, "नीम-हकीम ने गांव वालों से बात करने के बाद 65 साल के बिष्णु राभा और उनकी पत्नी 60 साल की पोर्सी पर आरोप लगाया कि वे जादू-टोना कर रहे हैं, जिसकी वजह से इलाके में इतने सारे लोग बीमार पड़ रहे हैं।"
इसके बाद गांव वाले सुबह उस जोड़े को पास के जंगल में ले गए और उन्हें जिंदा जला दिया। डेका ने कहा, "गांव वालों ने पहले उस जोड़े को बेरहमी से पीटा और बाद में उन्हें घसीटकर जंगल में ले गए और जिंदा जला दिया।" जब गांव वालों ने उनके माता-पिता को बुलाया, तो उस जोड़े के दो बेटे और एक बेटी अपने घर से भागने में कामयाब हो गए। जांच जारी है, हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। वह जोड़ा इलाके में पारंपरिक दवाइयों का इलाज करके अपना गुजारा करता था।
अधिकारी ने कहा, "यह साफ तौर पर डायन बताकर हत्या का मामला है और जांच जारी है। हम कानून के मुताबिक बहुत सख्त कदम उठाएंगे।" ग्रामीण असम और पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों में कथित डायनों को परेशान करने का सिलसिला जारी है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले पांच सालों में असम में भीड़ ने करीब 250 लोगों को जादू-टोना करने के आरोप में मार डाला।