By अभिनय आकाश | Sep 22, 2025
डोनाल्ड ट्रंप बार बार कहते हैं कि आई हैग गॉट ऑल द कार्ड्स यानी सारे पत्ते मेरे पास हैं। लेकिन अब दुनिया भी देख रही है कि भारत ने भी अपना असली ट्रंप कार्ड खेल दिया है। खबर ये है कि भारत फ्रांस की साफरन कंपनी के उस ऑफर पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है, जिसमें वो तेजस मार्क 2 फाइटर जेट के लिए पूरी तरह मेड इन इंडिया इंजन बनाने की पेशकश कर रहे हैं। यानी की अब अमेरिकी जीईएफ इंजन के कॉन्ट्रैक्ट पर सबसे बड़ा खतरा मंडराने लगा है। यही वो चाल है जिसने अमेरिका को सकते में डाल दिया है और फ्रांस को गुपचुप तरीके से बड़ी वापसी का मौका दे दिया है।
आपको बता दें कि फ्रेंच एयरोस्पेस जाइंट साफरन ने भारत सरकार और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ऑफर दिया है कि तेजस मार्क 2 के लिए वे एक बिल्कुल नया इंजन बनाएंगे। जिसकी पूरी मैन्युफैक्चरिंग इंडिया में होगी। सिर्फ इतना ही नहीं साफरन ने साफ कहा कि वे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी देंगे। यानी इंजन की पूरी कोर टेक्नोलॉजी भारत को मिल सकती है। वो टेक्नोलॉजी जिसे अमेरिका आज तक किसी को आसानी से नहीं दे सकता है। आपको बता दें कि साफरान पहले से ही भारत के साथ काम कर रहा है। डीआरडीओ-जीटीआरई के साथ मिलकर 120 केएन का अगली पीढ़ी का इंजन विकसित करने का प्रोजेक्ट चल रहा है।
मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि यह 80% प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ GE F414 इंजनों के सह-उत्पादन के लिए 2023 में हस्ताक्षरित मौजूदा समझौता ज्ञापन को रद्द करने का संकेत नहीं है, हालाँकि सितंबर 2025 तक वाणिज्यिक वार्ताएँ जारी हैं, और 99 इंजनों के लिए अभी तक कोई अंतिम हस्ताक्षरित सौदा या निर्दिष्ट मूल्य की पुष्टि नहीं हुई है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि व्यापक भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के संदर्भ में सफ्रान के प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है। अमेरिकी निर्यात नियंत्रण और प्रमाणन संबंधी मुद्दों से तनाव पैदा हो गया है, जिसका असर भारतीय वायु सेना (IAF) में तेजस Mk-1A जेट विमानों के समय पर शामिल होने पर पड़ रहा है।
लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना का लक्ष्य एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत 83 तेजस एमके-1ए विमान शामिल करना है। सफल हथियार परीक्षणों के आधार पर, पहले दो उन्नत एमके-1ए जेट अगले महीने आने की उम्मीद है। इस बीच, सफ्रान की पहल भारत में अपनी मौजूदा उपस्थिति को और मज़बूत करेगी, जिसमें 2026 तक हैदराबाद में राफेल इंजनों के लिए एक एमआरओ सुविधा स्थापित करने की योजना भी शामिल है, जिससे 150 नौकरियाँ पैदा होंगी। यह भारत के सह-विकास के प्रयासों के अनुरूप है, जैसा कि शक्ति हेलीकॉप्टर इंजन जैसे पिछले सहयोगों में देखा गया है।