By अभिनय आकाश | Nov 11, 2022
भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार से अभिभूत होकर ग्लोबल रिसर्च एजेंसी मॉर्गन स्टेनली लगातार अपने अनुमानों में तब्दिली करता नजर आ रहा है। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रौद्योगिकी और ऊर्जा में अपने प्रमुख निवेशों के बाद देश 2030 तक सबसे बड़ा शेयर बाजार होने की राह पर है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2031 तक मौजूदा 3.5 ट्रिलियन डॉलर से दोगुना होकर 7.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो सकता है।
वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा भी उस अवधि में दोगुना हो सकता है, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 11% वार्षिक वृद्धि दे सकता है, जो आने वाले दशक में 10 ट्रिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण तक पहुंच सकता है। मॉर्गन स्टेनली के मुख्य एशिया अर्थशास्त्री चेतन अह्या ने कहा कि भारत दुनिया की उन तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा जो 2023 से वार्षिक आर्थिक उत्पादन वृद्धि में $400 बिलियन से अधिक का उत्पादन कर सकती है। उन्होंने कहा कि 2028 के बाद यह संख्या बढ़कर 500 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगी।
भारत की आर्थिक वृद्धि का श्रेय तीन मेगाट्रेंडों को दिया गया है -
वैश्विक ऑफशोरिंग
डिजिटलीकरण
ऊर्जा संक्रमण
मॉर्गन स्टेनली ने हाल ही में कहा कि राष्ट्र दुनिया के लिए एक कारखाना और एक कार्यालय बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया में चार बड़े रुझानों ने इस आशावाद को जन्म दिया है कि भारत की जीडीपी अगले 10 वर्षों में दोगुनी होने की संभावना है। जनसांख्यिकीय समस्या (उम्र बढ़ने वाली आबादी), डी-वैश्वीकरण, डिजिटलीकरण और डीकार्बोनाइजेशन जैसी समस्याओं से दुनिया ग्रस्त है। भारत शायद दुनिया का एकमात्र देश है जो इन चार प्रवृत्तियों से लाभान्वित हो रहा है।