शारजाह। भारत को दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम में गोल गंवाने का खामियाजा भुगतना पड़ा और सोमवार को यहां बहरीन के हाथों 0-1 की हार के साथ ही उसने एएफसी एशियाई कप के नॉकआउट में पहुंचने का सुनहरा अवसर खो दिया। भारत को नॉकआउट में पहुचने के लिए इस मैच में जीत या ड्रा की जरूरत थी। उसने 91वें मिनट तक बहरीन को रोके रखा लेकिन उसने आखिरी पल में एक अंक हासिल करने का मौका गवां दिया जो उसे भारी पड़ा। आज के मैच में भारतीय कप्तान प्रणय हल्दर की गलती से बहरीन को पेनाल्टी मिली जिसे जमाल राशिद ने गोल में बदलने में गलती नहीं की। भारत ने अपने पहले मैच में थाईलैंड को 4-1 से हराया था लेकिन वह मेजबान यूएई से 0-2 से हार गया था।
भारत को शुरू में रक्षक अनस इथाहोडिका के चोटिल होने से झटका लगा और चौथे मिनट में ही कोच स्टीफन कान्सटेनटाइन को उनकी जगह एस रंजन सिंह को उतारना पड़ा। भारत को रक्षापंक्ति में अनस की कमी खली लेकिन हल्दर और संदेश झिंगान ने अच्छा खेल दिखाया। दोनों टीमों ने शुरू में आक्रामक रवैया अपनाया और एक-दूसरे पर कुछ अच्छे हमले किये। भारत के पास 13वें मिनट में मौका था जब हालीचरण नरजारी के क्रास को बहरीन के खिलाड़ियों ने बचा दिया लेकिन प्रीतम कोटाल ने गेंद पर कब्जा करके उसे आशिक कुरूनियान की तरफ बढ़ाया। उनका हेडर हालांकि बहरीन के गोलकीपर सैयद शुब्बार ने आसानी से बचा दिया।
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भारतीय टीम हावी होकर खेल रही थी। खेल के 28वें मिनट में हल्दर, उदांता सिंह, आशिक और नरजारी अच्छा तालमेल बनाकर बहरीन के गोल की तरफ बढ़े। हल्दर ने आखिर में नरजारी को गेंद दी जिन्होंने उसे बाक्स में सुनील छेत्री के पास भेजा लेकिन हमद अल शमसान ने बहरीन पर आया यह संकट टाल दिया। बहरीन आधा घंटे का खेल होने के बाद अधिक आक्रामक दिखायी दिया। वह 33वें मिनट में पहली बार गोल करने की स्थिति में पहुंचा लेकिन संदेश झिंगान ने बेहतरीन बचाव करके भारत को सुरक्षित रखा। तब अहमद जुमा ने बॉक्स के अंदर मोहम्मद अल रोमेही को गेंद थमायी थी। इसके बाद 39वें मिनट में हल्दर ने अच्छा बचाव किया। हल्दर ने कप्तानी की अपनी भूमिका से पहले हाफ के इंजुरी टाइम में भी पूरी तरह से न्याय किया जब उन्होंने जुमा के कार्नर को हेडर से बचाकर मध्यांतर तक मैच को गोलरहित बराबरी पर रखा।