By अभिनय आकाश | Jan 01, 2022
हिन्दुस्तान के हथियारों की ताकत की धमक अब दुनियाभर में सुनाई दे रही है। जिसमें सबसे पहला नाम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का है। ये भारत की ऐसी मिसाइल है जिसकी काट दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। अब इसी हथियार से ड्रैगन के शिकार की तैयारी हो रही है। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत जल्द ही फिलीपींस को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल निर्यात करने का ऑर्डर पा सकता है। देश के लिए रक्षा निर्यात की दिशा में ये बड़ा कदम साबित हो सकता है। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मोस सौदे पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और दोनों पक्ष अगले कुछ हफ्तों में करार को औपचारिक रूप देने के लिए तैयार हैं।
फिलीपींस नौसेना ने अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत इस महीने की शुरुआत में हैदराबाद में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की उत्पादन इकाई का दौरा किया था। हैदराबाद का ब्रह्मोस इंटीग्रेशन कॉम्पलेक्स मैकेनिकल सिस्टम एकीकरण और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को असेंबल करने के लिए जिम्मेदार है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस संयुक्त उद्यम है और यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। यह संस्करण लगभग 290 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है। पिछले कुछ दिनों में फिलीपीन ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए कई रक्षा सौदे किए हैं।
साउथ चाइना सी में ड्रैगन की मनमानी का मिलेगा जवाब
हर मोर्चे पर चीन के होश उड़ाने के लिए ब्रह्मोस तैयार हो रही है। दुनिया के सबसे ताकतवर सुपरसोनिक मिसाइल की ताकत कुछ ऐसी है कि चीन जैसा देश भी इसका सामना करने से कतराता है। लेकिन अब ब्रह्मोस की यही ताकत चीन के दुश्मनों के पास होगी और इसी हथियार से ड्रैगन का शिकार होगा। फिलीपींस को भी पता है कि भारत का ब्रह्मोस अगर उसकी सेना में शामिल हो जाता है तो वो चीन की मनमानियों का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। हालिया दिनों में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों ने चीन की साउथ चाइना सी में बढ़ती दादागिरी के मद्देनजर उसे जवाब देने की ठानी है। फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और इंडोनेशिया ने मिलकर एक गठबंधन भी बनाने की बात कही है। ये गठबंधन साउथ चाइना सी में आक्रमक चीन को जवाब देने के लिए है।