By निधि अविनाश | May 17, 2022
भारत-पाकिस्तान के विभाजन में कई परिवारों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। 1947 के दंगों ने भारत को दो हिस्सों में बांट दिया जिसका शिकार पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहने वाले 15 साल की रीना वर्मा का परिवार भी हुआ। इन सबके बीच रीना और उनके परिवार को अपना सबकुछ छोड़कर भारत भागना पड़ा। पुणे की रीना अब 90 साल की हो चुकी हैं और वह उस समय को याद कर रही है जब वह अपना पूरा घर छोड़कर भारत आना गई थी। पिता का बनाया हुआ घर रीना को दोबोरा देखना है और उन गलियों में दोबोरा घुमना है जहां उसने अपना बचपन गुजारा था।
मई के महीने में रीना को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा था और मई के ही महीने में उन्हें बहुत अच्छी खबर मिली है। खबर है कि अब वह वापस पाकिस्तान स्थित अपने बचपन के घर जा रही है। सोशल मीडिया के जरिए रीना ने अपना घर ढूंढ निकाला। अंग्रेजी अखबार टीओआई में छपी एक खबर के मुताबिक, दो साल जब कोरोना लॉकडाउन के कारण लोगों को घर में रहना पड़ा तो रीना ने पाकिस्तान स्थित अपने घर को याद किया और वहां जाने की इच्छी जताई।इसको लेकर उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट भी किया। उनकी पोस्ट को पढ़कर रावलपिंडी के कोई सज्जाद भाई मदद को आगे आए और उन्होंने ही रीना के घर का पता लगाया। घर की जानकारी मिली और उस घर की वीडियो रीना को भेजा। रीना अपने घर जाना चाहती थी और इसके लिए उनकी बेटी सोनाली ने मदद की। बेटी सोनाली ने वीजा के लिए अप्लाई किया तो वह रिजेक्ट हो गई। फिर पाकिस्तान पत्रकार की सलाह से रीना ने फेसबुक पर वीडियो अपलोड की जिससे लोगों का ध्यान उनकी तरफ खींचा। रीना का वीडियो पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा। इसके बाद रीना को हाल ही में 90 दिनों का वीजा जारी किया गया है।
रावलपिंडी वापस जाने को लेकर रीना काफी खुश हैं। वो कहती हैं, 'मुझे नहीं पता कि अब हमारे घर में कौन रहता है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वे मुझे मेरा घर देखने से नहीं रोकेंगे।' साथ ही रीना उन सभी पाकिस्तानी लोगों से मिलने के लिए उत्सुक हैं, जिन्होंने उनका घर ढूंढने में मदद की और सोशल मीडिया के जरिए उनके दोस्त बने। जब उनसे पूछा गया कि 90 साल की उम्र में पाकिस्तान अकेले जाने से उन्हें डर नहीं लगेगा तो उनका जवाब था, 'मेरे दिल में कहीं न कहीं रावलपिंडी हमेशा की तरह जिंदा रहा है और मुझे कोई डर नहीं है। आखिर मैं घर वापस जा रही हूं।'