कोरोना के चलते नहीं दिखेगी 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की रंगत, सूर्य ग्रहण का भी पड़ेगा असर

By अजय कुमार | Jun 20, 2020

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योगा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम किया। मोदी ने ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। 21 जून को पूरी दुनिया में योग से जुड़े कई कार्यक्रम भी होते हैं। प्रधानमंत्री से लेकर तमाम दिग्गज नेता इस दिन योग करते नजर आते हैं, लेकिन कोरोना के चलते अबकी से योग चहारदिवारी के भीतर ही ‘कैद’ होकर रह जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अबकी से योगा प्रेमियों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घर के भीतर ही मानने की बात कही है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मौके पर कोई भी सामूहिक कार्यक्रम की मनाही कर दी है। कोविड-19 के चलते इस बार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दिन लोग अपने अपने घरों में योगाभ्यास करेंगे। उत्तर प्रदेश में योग दिवस सोशल डिस्टेंसिंग और भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार ही मनाया जाएगा।

 

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गौरतलब हो, 27 सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील की थी। इसके उपरांत अमेरिका ने 123 सदस्यों की बैठक में अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास कर दिया। अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील करने के बाद, 90 दिनों के अंदर 177 देशों ने अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पारित कर दिया। 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था।   


दरअसल, योग का उद्भव भारत से ही माना जाता है। भारत में योग का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है। भारत में स्वामी विवेकानंद ने योग की शुरुआत बहुत पहले कर दी थी। स्वामी जी ने अपने शिकागो सम्मेलन के भाषण में योग का संदेश संपूर्ण विश्व को दिया था। योग पर आधारित पुस्तकों का संग्रह आज भी भारत के राष्ट्रीय संग्राहलयों में मिलता है। योग भारत के पास प्रकृति की एक अमूल्य वस्तु है। आज के समय में सभी के जीवन में योग का बहुत अधिक महत्व है। वर्तमान में बढ़ती बीमारियों से निपटने के लिए योग बहुत जरुरी है। जिस प्रकार डायबिटीज के मरीज के लिए दवा जरुरी है, ठीक उसी प्रकार जीवन में योग बहुत आवश्यक है।

 

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सुबह योग करने का सही समय माना जाता है। सुबह के समय योग करने से व्यक्ति के मस्तिष्क की सभी इंद्रियां भलीभंति एक्टिव होती हैं, जिससे व्यक्ति का मन एकाग्र होकर कार्य करता है। योग एक ऐसी साधना है, जिसका जीवन में होना बहुत जरुरी है। योग एक ऐसी दवा है, जो बगैर खर्च के रोगियों का इलाज करने में सक्षम है। वहीं यह शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है, यही कारण हैं कि युवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर जिम और एरोबिक्स को छोड़कर योग अपनाया जा रहा है।


बहरहाल, बात यूपी की कि जाए तो उत्तर प्रदेश सरकारी द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार सभी प्रदेशवासी अपने-अपने घरों पर सुबह सात बजे से योगाभ्यास करें। इस दौरान प्रदेश में योग पर आधारित प्रतियोगिता भी होगी। इसमें प्रतिभागियों को दो चरणों से गुजरना होगा। पहले चरण में योगाभ्यास करते हुए 3 से 5 मिनट की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना होगा। इसके अलावा वीडियो राज्य आयुष सोसायटी के सोशल मीडिया पेज और हैंडल को टैग भी करना होगा।


योग दिवस के मौके पर राज्य स्तर की सभी श्रेणियों के वर्गों में पहला स्थान पाने वाले को 51,000, द्वितीय आने पर 21,000 और तृतीय आने पर 11,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। जिला स्तर पर पहला स्थान पाने वाले को 2100, दूसरे स्थान पर आने वाले को 1100 और तीसरे स्थान पर आने वाले को 501 रुपये का पुरस्कार मिलेगा।

 

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कोरोना के चलते तो अंतराष्ट्रीय योग दिवस की रंगत फीकी पड़ ही रही है इसके साथ-साथ सूर्य ग्रहण के चलते भी योग दिवस का दायरा सिकुड़ जाएगा। कल (21जून को) आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को लग रहा है इसलिए इसे चूड़ामणि ग्रहण  कहा जा रहा है। इससे पहले 5 जून को को चंद्र ग्रहण लग चुका है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है। ज्योतिषियों के अनुसार एक ही माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही महामारी लेकर आते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार अमावस्या पर यह ग्रहण लगने के कारण अमावस्या का श्राद्ध कर्म ग्रहण के बाद होगा। 21 जून को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ध ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।


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