By कमलेश पांडे | May 13, 2024
आपको पता होना चाहिए कि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। साथ ही आपको गारंटी के साथ रिटर्न भी मिलता है। इसलिए यदि आप इन दिनों एफडी कराने की योजना बना रहे हैं तो आपको सबसे पहले बैंकों की नई ब्याज दरों के बारे में जान लेना चाहिए। क्योंकि आईडीबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, आरबीएल बैंक, कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक, सिटी यूनियन बैंक सहित कई बड़े बैंकों ने हाल ही में सावधि जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
लिहाजा, हम आपको बता रहे हैं कि 2 करोड़ रुपए से कम की एफडी पर कौन-सा बैंक कितना ब्याज दे रहा है। ताकि आप अपने हिसाब से सही जगह निवेश कर सकें। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 1 साल की एफडी पर एचडीएफसी 6.60 प्रतिशत, आईडीबीआई 6.80 प्रतिशत, बैंक ऑफ इंडिया 6.80 प्रतिशत, फेडरल बैंक 6.80 प्रतिशत और एसबीआई 6.80 प्रतिशत ब्याज दे रही है। वहीं, दो साल की एफडी पर आईडीबीआई 6.80 प्रतिशत, एसबीआई 7.00 प्रतिशत, एचडीएफसी 7.00 प्रतिशत, फेडरल बैंक 7.05 प्रतिशत, बैंक ऑफ इंडिया 7.25 प्रतिशत ब्याज दे रही है। वहीं 3 साल की एफडी पर आईडीबीआई 6.50 प्रतिशत, बैंक ऑफ इंडिया 6.50 प्रतिशत, एसबीआई 6.75 प्रतिशत, फेडरल बैंक 7.00 प्रतिशत, एचडीएफसी 7.00 प्रतिशत ब्याज दे रही है। वहीं, 5 साल की एफडी पर
बैंक ऑफ इंडिया 6.00 प्रतिशत, आईडीबीआई 6.50 प्रतिशत, एसबीआई 6.50 प्रतिशत, फेडरल बैंक 6.60 प्रतिशत और एचडीएफसी 7.00 प्रतिशत ब्याज दे रही है।
वहीं, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक की ओर से 2 करोड़ रुपये तक की एफडी कराने वालों के लिए 4 फीसदी से लेकर 8.5 फीसदी तक का ब्याज ऑफर किया जा रहा है। जबकि, आरबीएल बैंक ने 2 करोड़ रुपये तक की एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज 8 फीसदी का ऑफर किया है, जो 18-24 महीनों की एफडी के लिए दिया जा रहा है।
वहीं, कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी एफडी की ब्याज दरों को रिवाइज करते हुए 2 करोड़ रुपये तक की एफडी पर 3.5 फीसदी से लेकर 7.55 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर किया जा रहा है। यहां सबसे ज्यादा ब्याज दर 400 दिन की एफडी पर ऑफर की जा रही है। जबकि सिटी यूनियन बैंक ने 2 करोड़ रुपये तक की एफडी के लिए ग्राहकों को 5 फीसदी से लेकर 7.25 फीसदी तक का ब्याज दिया है। सबसे अधिक ब्याज 7.25 फीसदी 400 दिन की एफडी पर ही दिया जा रहा है।
# क्या आपको पता है कि एफडी से मिलने वाले ब्याज पर भी देना होता है टैक्स, यदि नहीं तो जानिए विस्तार से
किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था को एफडी से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर योग्य (टैक्सेबल) होता है। कहने का तातपर्य यह कि आप एक साल में अपनी एफडी पर जो भी ब्याज कमाते हैं, वो आपकी वार्षिक आय में जुड़ता है। इस प्रकार कुल आय के आधार पर, आपका टैक्स स्लैब निर्धारित किया जाता है। चूंकि एफडी पर अर्जित ब्याज आय यानी इंटरेस्ट इनकम को "इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज" माना जाता है, इसलिए इसे टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स या टीडीएस के तहत चार्ज किया जाता है। यही वजह है कि जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके अकाउंट में जमा करता है, तो उसी समय टीडीएस काट लिया जाता है।
# आइए जानते हैं एफडी पर टैक्स से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु, जो आपके काम आएंगे
यदि आपकी कुल आय एक वर्ष में 2.5 लाख रुपए से कम है, तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस नहीं काटता है। हालांकि, इसके लिए आपको फॉर्म 15जी या 15एच जमा करना पड़ेगा। ऐसे में अगर आप टीडीएस बचाना चाहते हैं तो फॉर्म 15जी या 15एच जरूर जमा करें।
वहीं, यदि सभी एफडी से आपकी ब्याज आय (इंटरेस्ट इनकम) एक वर्ष में 40,000 रुपए से कम है, तो भी टीडीएस नहीं काटा जाता है। वहीं अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपए से अधिक है तो 10 प्रतिशत टीडीएस काटा जाएगा। जबकि पैन कार्ड नहीं देने पर बैंक 20 प्रतिशत काट सकता है।
वहीं, 40,000 से ज्यादा ब्याज आय पर टीडीएस काटने की लिमिट 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है। वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र, यानी सीनियर सिटीजन की एफडी से 50 हजार रुपए तक की आय टैक्स फ्री होती है। इससे ज्यादा आय होने पर 10 प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है।
इस प्रकार से यदि बैंक ने आपकी एफडी से हुई ब्याज आय पर टीडीएस काट लिया है और आपकी कुल आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो आप काटे गए टीडीएस को टैक्स फाइल करते समय क्लेम करके वापस हासिल कर सकते हैं। आपके दावे के अनुरूप यह आपके अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाएगा।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार