सत्ता और प्रतिशोध की में जल रहे युनूस मुल्क को ले जा रहे किस ओर, फिर से पूर्वी पाकिस्तान बनने की राह पर बांग्लादेश?

By अभिनय आकाश | Jun 02, 2025

भारत ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने डेलीगेशन को दुनियाभर के देशों में भेजकर पाकिस्तान की करतूतों का पर्दाफाश कर रहा है।  वहीं दूसरी तरफ एक घिनौना खेल भी भारत के पड़ोस में चल रहा है।  सेना, इस्लामवादियों, युद्ध अपराधियों और छात्र क्रांतिकारियों के समर्थन से एक अनिर्वाचित शासन बांग्लादेश को एक और पाकिस्तान में तब्दील करने पर उतारू है। एक ऐसा राज्य जिसका अस्तित्व ही भारत की वजह से दुनिया में आ पाया। लेकिन वो कट्टरपंथ की आग में जलकर भारत को तोड़ने का सपना देख रहा है और वो भी चीन और अमेरिक की गोद में बैठकर। बांग्लादेश को फिलहाल मुख्य सलाहकार के रूप में एक 'अंतरिम सरकार' का नेतृत्व करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस द्वारा संचालित किया जा रहा है। यूनुस, एक चालाक, प्रतिशोधी व्यक्ति है। 

इसे भी पढ़ें: आखिरकार बांग्लादेश की कमजोर नसों को कब दबाएगा भारत?

नौ महीने में मुल्क का कर दिया बेड़ा गर्क

इस अवैध शासन को सत्ता में आए नौ महीने हो चुके हैं। शेख हसीना को सुनियोजित तरीके से हटाए जाने के बाद के नौ अशांत महीनों के दौरान यूनुस ने बांग्लादेश की तीव्र आर्थिक गिरावट की ओर लेकर गए। इसके अलावा 1971 के युद्ध अपराधियों की रिहाई, इस्लामी कट्टरपंथ में बढोतरी, अनियंत्रित प्रतिशोध की राजनीति, हिंदू अल्पसंख्यकों को सताना और अपेक्षित लोकतांत्रिक जनादेश के बिना विदेश नीति में व्यापक बदलाव ये वो हालिया घटनाक्रम रहे हैं जो बीते नौ महीने में देश की दशा और दिशा को बदलने की ओर ले जा रहे हैं। पिछले साल अगस्त में सत्ता संभालने के लिए जब वे अमेरिका से आए थे, तब यूनुस ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के ज़रिए बांग्लादेश के लोकतंत्र को बहाल करने का वादा किया था। लेकिन इससे ठीक उलट वे बांग्लादेश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी, जो देश की आज़ादी का पर्याय है, अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाकर और चुनावों में देरी करके ‘लोकतंत्र को बहाल’ कर रहे हैं। 

इसे भी पढ़ें: अल्पसंख्यकों के अधिकारों में नहीं होगी कोई कटौती, युनूस के बदले सुर, संविधान संशोधन की कवायद के बीच दिया बड़ा बयान

सेना से ठन गई

आश्चर्य की बात नहीं है कि यूनुस बांग्लादेश की राजनीतिक परिदृश्य में बची एकमात्र बड़ी पार्टी बीएनपी के साथ टकराव की राह पर चल पड़े हैं, जो सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। हालांकि, 'मुख्य सलाहकार' के पास कुछ और ही योजनाएँ हैं। सैन्य समर्थित शासन के मुखिया के लिए, यूनुस ने सेना प्रमुख को भी अपना दुश्मन बना लिया है। जनरल वकर-उज़-ज़मान ने समय से पहले चुनाव कराने का आह्वान किया है और सेना को अंधेरे में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के यूनुस के कदमों के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है, जैसे कि म्यांमार के अशांत राखिन प्रांत से चटगाँव को जोड़ने वाला मानवीय गलियारा बनाना, जहाँ सैन्य जुंटा गृहयुद्ध लड़ रहा है। बांग्लादेश में सत्ता के लिए एक दिलचस्प संघर्ष और महल के तख्तापलट और जवाबी तख्तापलट के प्रयास देखने को मिल रहे हैं।  

फिर से पूर्वी पाकिस्तान बनने की राह पर बांग्लादेश

सत्ता के लिए उनकी भूख बांग्लादेश पर नज़र रखने वालों के लिए आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। विकीलीक्स द्वारा लीक किए गए अमेरिकी राजनयिक केबल से पता चलता है कि अमेरिकियों को कम से कम 2007 से पता था कि यूनुस में बांग्लादेशी राजनीति के भंवर में कूदने की तीव्र इच्छा है। 13 फरवरी को जारी एक केबल में उल्लेख किया गया है कि यूनुस बांग्लादेश की राजनीति में प्रवेश करने पर विचार कर रहे हैं और वे अपने विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं”। केबल से पता चलता है कि अमेरिकियों को लगता है कि यूनुस महान नैतिक कद और मजबूत संगठनात्मक कौशल वाले व्यक्ति हैं”और उनकी उम्मीदवारी मौजूदा शेख हसीना-खालिदा जिया के शून्य-योग खेल से संभावित रूप से बाहर निकलने का मौका दे सकती है जो बांग्लादेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करती है। 

Stay updated with Latest International News in Hindi on Prabhasakshi  


प्रमुख खबरें

SEBI का फिनफ्लुएंसर पर शिकंजा: अवधूत साठे के 546 करोड़ जब्त, बाजार में बड़ा संदेश

NIRF 2025: जानें देश के टॉप 10 MBA कॉलेज, भविष्य की उड़ान यहीं से!

BJP नेता दिलीप घोष का आरोप, बंगाल में 10% फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए TMC कर रही SIR का दुरुपयोग

Dhurandhar Movie Review : 2025 का धमाका, रोमांच और गर्व से भरी फ़िल्म