Chai Par Sameeksha: INDIA गठबंधन के पतन के लिए क्या Nitish Kumar से ज्यादा बड़ी दोषी Congress है

By अंकित सिंह | Jan 29, 2024

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह इंडिया गठबंधन के हश्र, बिहार की राजनीति और लोकसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि देश में गठबंधन राजनीति के प्रति बढ़ते अविश्वास का कारण नेता ही हैं। बिहार में लगभग दो दशकों से भले कोई भी गठबंधन सत्ता में हो मगर मुख्यमंत्री Nitish Kumar ही रहते हैं। नीतीश कुमार तो गठबंधन बदलने का नया रिकॉर्ड बनाने जा ही रहे हैं अन्य विपक्षी नेता भी कम नहीं हैं। ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्तर पर बने विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया सुझाया और उसके चेयरपर्सन पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे किया लेकिन वह खुद गठबंधन धर्म नहीं निभा सकीं। देखा जाये तो विपक्षी गठबंधन में शामिल एक भी दल ऐसा नहीं है जिसने मौका पड़ने पर साथी दल को धोखा नहीं दिया हो। यही सब देखकर देश ने 2014 में गठबंधन राजनीति को अलविदा कहा था और उसे अब दोबारा अपनाने को तैयार नहीं है। 


हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से यही सवाल पूछा कि जिस तरीके से इंडिया गठबंधन से एक के बाद एक दल निकलते जा रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस के साथ वही दल बचते दिखाई दे रहे हैं जो पहले से ही उनके साथ थे। ऐसे में इंडिया की जगह यूपीए क्यों नहीं? इसको लेकर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि यह इंडिया ही रहेगा। इसका बड़ा कारण यह है कि यूपीए पर जितने भ्रष्टाचार के आरोप हैं उसे ढो पाना अब मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का जाना तो तय था लेकिन यह इतनी जल्दी जाएगा, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके संकेत तब से मिलने शुरू हो गए थे, जब हालिया विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। उन्होंने कहा कि इन चुनाव से पहले बॉडी लैंग्वेज देखें तो इंडिया गठबंधन के नेताओं की काफी अच्छी थी लेकिन नतीजा के बाद इस में गिरावट साफ तौर पर देखी जा रही थी। साथ ही साथ इंडिया गठबंधन में उसे समय और भी मनमुटाव हो गए। जब मध्य प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच बातचीत नहीं बन सकी और कमलनाथ में अखिलेश यादव को लेकर गैर जिम्मेदाराना बयान भी दे दिया।

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नीरज दुबे ने कहा कि इतने हार के बाद भी कांग्रेस का रुख बदलने दिखाई नहीं दे रहा है। कांग्रेस में अहंकार अभी भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है और यही कारण है कि इंडिया गठबंधन के कई दल एक के बाद एक निकलते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव सिर पर है। सभी दल अपने-अपने तरीके से तैयारी में जुटे हुए हैं। लेकिन कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को कहीं ना कहीं भ्रम की स्थिति में रखा है। जब चर्चा सीट शेयरिंग और आगे के प्लान पर होनी थी तब उसने भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली है और पार्टी के नेता इस में व्यस्त हैं और राहुल गांधी को प्रमोट करने में लगे हुए हैं। इंडिया गठबंधन के बाकी नेताओं को साफ तौर पर लगता है कि अगर कांग्रेस से राहुल गांधी को इसी तरीके से प्रमोट करने में लगी रही तो उनकी पार्टी का भी हश्र वही होगा जो कांग्रेस का हुआ है। 


नीरज दुबे नहीं इसके साथ ही कहा कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने से भाजपा को बिहार में जितना फायदा नहीं होगा, उससे ज्यादा राष्ट्रीय स्तर पर फायदा होगा। बिहार में पार्टी पहले से अच्छी स्थिति में थी। हालांकि गठबंधन में नहीं थी। इससे कुछ सीटों का उसे नुकसान हो सकता था। लेकिन वह जो 17 सीटों पर जीत हासिल करने में 2019 में कामयाब हुई थी उसमें बढ़ोतरी हो रही थी। लेकिन नीतीश को अपने पाले में लाने के बाद भाजपा यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि जिसने इंडिया गठबंधन की नींव डाली, उसी कांग्रेस ने उनको अपमानित किया और हम उनका सम्मान कर रहे हैं। साथ ही साथ भाजपा यह भी दिखाने की कोशिश करेगी कि इंडिया गठबंधन का कुछ नहीं होना है। उसमें सभी लोग महात्वाकांक्षी हैं। नीतीश का इंडिया गठबंधन से बाहर आना कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के लिए बड़ा झटका है। 

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